धोखा
दिखावट
- न विश्वसेदविश्वस्ते विश्वस्तेऽपि न विश्वसेत् ।
- विश्वासाद्भयमुत्पन्नं मूलान्यपि निकृतन्ति ॥ -- पञ्चतन्त्र
- अविश्वसनीय व्यक्ति का तो विश्वास न ही करे और विश्वसनीय पर भी विश्वास न करे। विश्वास करने पर जो संकट पैदा होता है वह जड़ों को भी काट डालता है। तात्पर्य यह कि अपने विश्वस्त पर भी पूरा विश्वास नहीं ही होना चाहिए क्योंकि वह भी धोखा दे सकता है।
- निर्मल मन जन सो मोहि पावा । मोहि कपट छल छिद्र न भावा॥ -- रामचरितमानस में श्रीराम
- किसी को धोखा देना एक कर्ज है जो आपको किसी और के हाथों ब्याज सहित एक दिन जरूर मिलेगा। -- स्वामी विवेकानन्द
- जो धोखा देता है वह हमेशा उन्हें ढूंढेगा जो खुद को धोखा देने की अनुमति देते है। -- निकोलो मैकियावेली
- जो धोखे से जीता जा सकता है उसे बल से जीतने की कोशिश न करें। -- निकोलो मैकियावेली
- आप सभी लोगों को कुछ समय तक और कुछ लोगों को हर समय धोखा दे सकते हो लेकिन आप सभी लोगों को हर समय धोखा नहीं दे सकते। -- अब्राहम लिंकन
- समाजवाद एक धोखा है, एक कॉमेडी है, एक प्रेत है, एक ब्लैकमेल है। -- बेनिटो मुसोलिनी
- उनसे मत डरिए जो आपसे तर्क करते हैं, बल्कि उनसे डरिए जो धोखा करते हैं। -- डेल कार्नेगी
- अनुसार खेलता है। मैंने पाया है कि कोई भी चीज आपके विरोधियों को सच बोलने जैसा धोखा नहीं देती। -- ऑटो फॉन बिस्मार्क
- सभी युद्ध धोखे पर आधारित हैं। -- सून जू
- यश त्याग से मिलता है, धोखाधड़ी से नहीं। -- प्रेमचन्द
सन्दर्भ
[सम्पादन]इन्हें भी देखें
[सम्पादन]- छल
- सत्यनिष्ठा (इमानदारी)