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  • मौत प्रकाश को खत्म नही करता बल्कि यह दिखलाता है सुबह हो गयी है अब दीपक बुझाना है। प्रेम का स्वप्न आने के बाद भी आप की नीद नही खुलती तो आपका जीवन धिक्कार...
    १२ KB (९७९ शब्द) - ०९:१७, ९ अक्टूबर २०२२
  • मानो अँगारे उगल रहाथा। अँधा बनना : जान-बूझकर किसी बात पर ध्यान न देना -भाई, तुम्हारी मर्जी है, तुम जान-बूझकर अँधे बन रहे हो। अक्ल का अँधा : मूर्ख, बेवकूफ...
    ८ KB (५९० शब्द) - २३:१४, ६ जुलाई २०२१
  • मानो अँगारे उगल रहा था। अँधा बनना : जान-बूझकर किसी बात पर ध्यान न देना -भाई, तुम्हारी मर्जी है, तुम जान-बूझकर किसी बात पर ध्यान न देकर अँधे बन रहे हो।...
    ८ KB (६२९ शब्द) - १८:३६, २५ नवम्बर २०१८
  • संसार लिये। सेनानी ! करो प्रयाण अभय, भावी इतिहास तुम्हारा है; ये नखत अमा के बुझते हैं, सारा आकाश तुम्हारा है। जो कुछ था निर्गुण, निराकार, तुम उस द्युति के...
    १३ KB (९४० शब्द) - ११:०७, १४ मई २०२३
  • बुद्धिहीन से मिलाप करना उचित नहीं है। जैसे तेल समाप्त हो जाने से पर दीपक बुझ जाता है, उसी प्रकार कर्म के क्षीण हो जाने पर दैव भी नष्ट हो जाता है। दूसरे...
    ५ KB (३७२ शब्द) - १७:२७, २४ अक्टूबर २०२२
  • मूल्य मालूम नहीं होता। -- मार्ले जबरदस्त एकाग्रता के बिना कोई भी मनुष्य सूझ-बुझ वाला, आविष्कारक, दार्शनिक, लेखक, मौलिक कवि या शोधकर्ता नहीं हो सकता। -- स्वेट...
    ६ KB (४०२ शब्द) - २२:२९, २६ अगस्त २०२२
  • अज्ञान प्रकाश को जाग्रत नहीं कर सकता, लेकिन घृणा तो ज्ञान के प्रकाश को भी बुझा देती हैं। -- रवीन्द्रनाथ ठाकुर अज्ञान से मुक्त होकर भी हम पाप से मुक्त हो...
    १० KB (७६२ शब्द) - २३:४२, २२ जुलाई २०२३
  • सकता है ? अग्नि जब किसी ऐसी जगह पर गिरता है जहाँ घास न हो तो वह अपने आप बुझ जाता है। विद्या शस्त्रं च शास्त्रं च द्वे विद्ये प्रतिपत्तये। आद्या हास्याय...
    ७ KB (४५१ शब्द) - २१:४२, ४ अप्रैल २०२३
  • बात नहीं होती। -- मुंशी प्रेमचंद अधूरा काम और अपराजित शत्रु, ये दोनों बिना बुझी हुई चिंगारियों की तरह हैं। -- संत तिरूवल्लुवर अपना कर्तव्य करने से हम उसे...
    १९ KB (१,४०१ शब्द) - २१:३२, २३ नवम्बर २०२२
  • अंटी में नहीं रखा रहता। अंधा बनना : जान-बूझकर किसी बात पर ध्यान न देना। भाई, तुम्हारी मर्जी है, तुम जान-बूझकर अँधे बन रहे हो। आसमान टूट पड़ना : गजब का...
    ४८ KB (३,५२४ शब्द) - १७:१२, २२ अक्टूबर २०२१
  • है, उसकी आज्ञा का पालन कोई नहीं करता है । ठीक वैसे हीं जैसे, जब राख की आग बुझ जाती है, तो उसे हर कोई छूने लगता है । तुलसी साथी विपत्ति के, विद्या विनय...
    १०० KB (७,९९९ शब्द) - ०९:५२, १८ जून २०२३
  • लाभ नहीं। गोला-बारूद के बिना बत्ती लगाने से धडाका नहीं होता। संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है। मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम...
    २१ KB (१,६७६ शब्द) - ०८:०८, १५ जुलाई २०२१
  • हैं। मनुष्य की अच्छाई उस लौ के समान है जिसे छुपाया तो जा सकता है लेकिन कभी बुझाया नहीं जा सकता। भले ही आपको कोई बीमारी हो फिर भी आप एक मूर्ख की तरह बैठकर...
    १३ KB (१,१५१ शब्द) - १२:०५, ८ नवम्बर २०२२
  • तथा अक़ाबा की खाड़ी के उत्तरी किनारे पर बसा हुआ है। यदि इजराइल का प्रकाश बुझ जायेगा तो हम सभी अंधेरे में डूब जायेंगे। इसी लिये हम सभी इजराइल ही हैं। --...
    ७ KB (५८३ शब्द) - १३:२९, १० अक्टूबर २०२३
  • पत्थरों से इमारत बना लेता है। -- डेविड ब्रिंकले किसी और की मोमबत्ती को मत बुझाओ क्योंकि इससे तुम्हारा चमक उज्ज्वल नहीं होगा। -- जाचिनमा एनई कोई भला आदमी...
    ४५ KB (३,४०६ शब्द) - १७:५०, ३० जुलाई २०२३
  • होना बुद्धिमानी की बात है; नतीजतन, असभ्य होना बेवकूफी है। बेवजह और जान-बूझकर दुश्मनी करके दुश्मन बनाना, अपने घर में आग लगाने जैसा पागलपन है। क्योंकि...
    ११ KB (८५५ शब्द) - ०२:२४, १८ अक्टूबर २०२३
  • भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की रचना 'मुशायरा' से गले मुझको लगा लो ऐ दिलदार होली में बुझे दिल की लगी भी तो ऐ यार होली में नहीं ये है गुलाले-सुर्ख उड़ता हर जगह प्यारे...
    १० KB (७७९ शब्द) - ०७:२४, ८ मार्च २०२३
  • ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए। जैसे तेल समाप्त हो जाने पर दीपक बुझ जाता है, उसी प्रकार कर्म के क्षीण हो जाने पर दैव भी नष्ट हो जाता है। जैसे...
    ७७ KB (५,२०३ शब्द) - २२:५६, ११ अगस्त २०२३
  • कल-परसों पर टाल॥ आवश्यकता से अधिक, बढ़े राग-अनुराग। पानी छिड़को त्याग का, बुझे हृदय की आग॥ आशा-तृष्णा को रखो, जीवन-भर बलवान। जिस दिन यह ढीली पड़ें, निष्क्रिय...
    ९ KB (७१० शब्द) - २०:४२, ५ मई २०२३
  • विद्यार्थिनः कुतो सुखम ॥ ज्ञान प्राप्ति से अधिक महत्वपूर्ण है अलग तरह से बूझना या सोचना । –डेविड बोम (१९१७-१९९२) सत्य की सारी समझ एक उपमा की खोज मे निहित...
    ८१ KB (५,९८३ शब्द) - ११:४६, १९ अक्टूबर २०२२
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