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  • हिन्दू और हिन्दुत्व ही एक दिन दुनिया पर राज करेगा, क्योंकि इसी में ज्ञान और बुद्धि का संयोजन है। -- लियो टॉल्स्टॉय हिन्दुत्व का प्रभावीकरण फिर होने तक...
    ४ KB (२७३ शब्द) - ०६:५०, ११ जून २०२१
  • देश है जिसमें हर महान धर्म के लिए जगह है। भारत और हिन्दुत्व एक-दूसरे के पर्याय हैं। भारत और हिन्दुत्व की रक्षा भारतवासी और हिन्दू ही कर सकते हैं। हम बाहरी...
    ४ KB (३१० शब्द) - २१:२०, ११ जुलाई २०२३
  • तरह सींचा जाए तो उसका तना, शाखाएँ, पत्ते, फल-फूल सब हरे-भरे रहते हैं। हिन्दुत्व ही वह मिट्टी है जिसमें भारतवर्ष का मूल गड़ा हुआ है। यदि यह मिट्टी दृढ...
    ४ KB (३२७ शब्द) - १०:३४, २९ दिसम्बर २०२२
  • उन्हें काले पानी की सजा दी थी। हिन्दू राष्ट्रवाद की राजनीतिक विचारधारा 'हिन्दुत्व' को विकसित करने का बहुत बड़ा श्रेय सावरकर को जाता है। वे हिन्दू महासभा...
    ३२ KB (२,२९८ शब्द) - ०८:१३, ३१ अक्टूबर २०२४
  • जो नेहरू ने किया वह इंदिरा गांधी ने भी किया। जेएनयू को देखिए। वहां आप हिंदुत्व पढ़ नहीं सकते, योग की भी वहां इजाजत नहीं है। वह लेफ्टिस्ट ओरिएंटेड ऑर्गनाइजेशन...
    १० KB (७३० शब्द) - ०८:५७, १३ अप्रैल २०२४
  • है। एल्स्ट, २० से अधिक पुस्तकों के लेखक हैं। उनकी ये पुस्तकें इतिहास, हिन्दुत्व, और भारतीय राजनीति से सम्बन्धित हैं। उनकी रुचि के प्रमुख विषय ये हैं-...
    १० KB (६७१ शब्द) - ११:२९, १३ अप्रैल २०२४
  • ‘वर्तमान भारत’, ‘अफ़गानिस्तान: कल, आज और कल’, ‘महाशक्ति भारत’, ‘भाजपा, हिंदुत्व और मुसलमान’, ‘कुछ मित्र और कुछ महापुरुष,’ ‘मेरे सपनों का हिंदी विश्वविद्यालय’...
    ५ KB (३१३ शब्द) - १३:१४, १३ अक्टूबर २०२३
  • है कि सोमनाथ का पुनर्निर्माण भारत सरकार प्रायोजित होने जा रहा है... मैं हिंदुत्व से जुड़ी कुछ दकियानूसी बातों को नकारता रहा हूं और इसके कुछ पहलुओं को अपने...
    ६ KB (४७८ शब्द) - २३:१७, २१ मार्च २०२३
  • महसूस करता हूँ लेकिन मुझे भारतीय परम्परा में और ज्यादा गर्व है। मुझे अपने हिंदुत्व पर अभिमान है, किन्तु इसका अर्थ यह नहीं है कि मैं मुस्लिम-विरोधी हूँ। आप...
    ४० KB (३,०७८ शब्द) - १२:४९, १९ जनवरी २०२३
  • बरतनी चाहिए, बल्कि सामूहिक व सार्वजनिक जीवन में भी इसका ध्यान रखना चाहिए‌। हिंदुत्व के हित की रक्षा के लिए, युवाओं की सोच को बदलना संघ का परम लक्ष्य है। हिंदुस्तान...
    ४३ KB (३,३७१ शब्द) - ०९:१६, ११ अगस्त २०२३
  • में बसती है। हमारा धर्म पंडितों की नहीं, संतों और द्रष्टाओं की रचना है। हिंदुत्व का मूलाधार विद्या और ज्ञान नहीं है, सीधी अनुभूति है। धर्म अनुभूति की वस्तु...
    ३० KB (२,३८१ शब्द) - ००:००, १३ मई २०२३
  • रचना उन्होंने 1455 ई। में की थी। मेवाड़ के महाश्रेष्ठ प्रताप सिम्हा के हिंदुत्व-कलाम के रूप में प्रसिद्ध होने से पहले ऐसा नहीं होगा। दिवाकर, सूर्य जो कमल...
    ३३ KB (३,१५४ शब्द) - ०८:३९, १७ जून २०२४