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  • कुरान और हदीस के उन आदेशों का क्या होगा? (जो मानवता को खुदा की पार्टी और शैतान की पार्टी में विभाजित करते हैं।) उनका उल्लंघन तो मुस्लिम नेता भी नही कर...
    १० KB (७६५ शब्द) - २१:३२, २९ अक्टूबर २०२२
  • असंतोष को ज्ञात करना सभी का कर्तव्य है। आदेश या स्थिरता की पार्टी, प्रगति या सुधार की पार्टी, दोनों राजनीतिक जीवन के स्वस्थ राज्य के आवश्यक तत्व है। जरूरी...
    ८ KB (६०८ शब्द) - २३:३०, ८ नवम्बर २०२२
  • बना दिया । रामायण रचयिता महर्षि वाल्मीकि पर मंतव्य ओवैसी और भारतीय जनता पार्टी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं । आपस में लड़ने का नाटक और झूठे दिखावा कर लोगों...
    ६ KB (३७३ शब्द) - २३:४५, ५ फ़रवरी २०२३
  • अपने बाहुबल और मजबूत इच्छा शक्ति से स्वयं का परिचय देता है। समाज का परिवर्तन तभी संभव है जब समाज में समरूपता का भाव जागृत होगा। कोई भी बड़ा संगठन एक व्यक्ति...
    १२ KB (९०९ शब्द) - १५:१५, २० सितम्बर २०२३
  • अधिक आप मेरे ऊपर कीचड़ फेंकेंगे, उतना अधिक कमल खिलेगा। किसी भी राजनीतिक पार्टी के लिए उसका घोषणापत्र गीता और कुरान की तरह होना चाहिए। अच्छे दिन आने वाले...
    ५९ KB (४,७०१ शब्द) - २२:५५, १३ अप्रैल २०२४
  • शुचिता व शुद्ध आचरण की बात करते थे। वे एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अपनी पार्टी की सरकार से खुलेआम त्यागपत्र की मांग की, क्योंकि उस सरकार के शासन में आंदोलनकारियों...
    १६ KB (१,२१२ शब्द) - ०६:२३, १५ अक्टूबर २०२२
  • Millions में प्रकाशित हुआ है। किसी एक पार्टी की वजह से आज अगर हैदराबाद पूरी दुनिया में बदनाम है तो वो है कम्युनिस्ट पार्टी। ये लोग कुछ और नहीं बल्कि हत्यारे...
    २९ KB (२,११० शब्द) - २१:२५, १८ जुलाई २०२३
  • उन्हें हुआ सम्मान तथा दायित्व देना होगा जिनके वह अधिकारी हैं। संगठित समाज ही भाग्य परिवर्तन की कुंजी है। संगठित होकर ही व्यक्ति तथा राष्ट्र का भाग्य बदला जा...
    १८ KB (१,४१९ शब्द) - २१:४४, १९ सितम्बर २०२३
  • परन्‍तु अछुत, अछुत ही बने हुए हैं। स्‍वतंत्रता का रहस्‍य, साहस है और साहस एक पार्टी में व्‍यक्तियों के संयोजन से पैदा होता है। इस दुनिया में महान प्रयासों से...
    ४३ KB (३,२६२ शब्द) - १४:२२, १९ अगस्त २०२३
  • झंडा थोड़ा सादा, थोड़ा लाल और पीला, यह है तो खिचड़ी पार्टी का झंडा है। कांग्रेस तो खिचड़ी पार्टी है। इसमें जमीदार है, सेठ लोग हैं और पासंग मारने के लिए...
    ३१ KB (२,३७० शब्द) - १८:४७, १४ मई २०२३
  • एक राष्ट्र है, अनेक राष्ट्रीयताओं का समूह नहीं। देश एक रहेगा तो किसी एक पार्टी की वजह से एक नहीं रहेगा, किसी एक व्यक्ति की वजह से एक नहीं रहेगा, किसी एक...
    ४० KB (३,०७८ शब्द) - १२:४९, १९ जनवरी २०२३
  • प्रणब मुखर्जी 1970 के दशक में भारत में विदेशी प्रभुत्व के डर के कारण जनता पार्टी ने देश के भीतर सभी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आंशिक भारतीय स्वामित्व पर जोर...
    १८ KB (१,३२३ शब्द) - १८:१४, ३० जुलाई २०२३
  • मुझे लुभा नहीं सकती। मेरा नाम हिन्दुस्तानी इंकलाब पार्टी का निशान बन चुका है और इंकलाब पसंद पार्टी के आदर्शों और बलिदानों ने मुझे बहुत ऊंचा कर दिया है।...
    ४३ KB (३,४५१ शब्द) - १५:१८, १३ मई २०२२
  • समस्याओं से व्यथित हो उठते हैं, प्रत्येक राजनीतिक पार्टी से विश्वास उठ जाने की बातें करते हैं। ये सब पार्टियाँ जनता से उत्पन्न होती हैँ, उसकी सेवा के बल पर...
    ५५ KB (३,९९२ शब्द) - २३:४१, १२ अगस्त २०२३
  • है। तब यह निश्चित है कि जनता की चित्तवृत्ति के परिवर्तन के साथ-साथ साहित्य के स्वरूप में भी परिवर्तन होता चला जाता है। आदि से अन्त तक इन्हीं चित्तवृत्तियों...
    ५६ KB (४,१५४ शब्द) - १७:०८, ५ दिसम्बर २०२२