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  • विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष जिसे कोई भी संपादित कर सकता है।...
    ३ KB (११५ शब्द) - ०८:०४, ३० जुलाई २०२३
  • शिवपूजन सहाय अखिल भारत के परस्पर व्यवहार के लिये ऐसी भाषा की आवश्यकता है जिसे जनता का अधिकतम भाग पहले से ही जानता समझता है। - महात्मा गाँधी हिंदी को राजभाषा...
    १०५ KB (७,०२६ शब्द) - २०:२८, २४ सितम्बर २०२३
  • के रूप में समाप्त होता है। -- विल ड्यूरेंट विज्ञान वह है जिसे हम जानते हैं, दर्शन वह है जिसे हम नहीं जानते। -- बर्ट्रंड रसल प्रश्न पूछने की कला और विज्ञान...
    १२ KB (८४६ शब्द) - १३:३६, ८ नवम्बर २०२२
  • रहेगी तब तक उसमे सात्विकता आ ही नहीं सकता है। मै उच्च शिक्षा उसी को कहूंगा जिसे पाकर इन्सान विनम्र, परोपकारी, सेवाभावी और कार्यतत्पर बन जाय। क्रन्तिकारी...
    ८२ KB (६,२८८ शब्द) - २०:४६, २३ सितम्बर २०२३
  • लदा होता है उसमे फल मुश्किल से ही आते है जीवन हमे ईश्वर द्वारा दिया गया है जिसे हम कमाते है। प्रेम कभी भी अधिकार नही जताता है बल्कि यह जीने की स्वतंत्रता...
    १२ KB (९७९ शब्द) - ०९:१७, ९ अक्टूबर २०२२
  • सकता। जिस राजा की प्रजा हमेशा कर के भार से पीड़ित रहे, प्रतिदिन दुखी रहे और जिसे तरह-तरह के अनर्थ झेलने पड़ते हैं, उस राजा की हमेशा पराजय होती है। जिसकी बुद्धि...
    ७७ KB (५,२०३ शब्द) - २२:५६, ११ अगस्त २०२३
  • शत्रु हो जाते हैं । अरि बस दैउ जियावत जाही, मरनु नीक तेहि जीवन चाही ईश्वर जिसे शत्रु के अधीन रखकर जिन्दा रखें, उसके लिये जीने की अपेक्षा मरना अच्छा है ।...
    १०० KB (७,९९९ शब्द) - ०९:५२, १८ जून २०२३
  • परिवार, समाज, राज्य और विश्व का कल्याण समाविष्ट है। इसके केन्द्र में है धर्म जिसे हम वर्तमान के संदर्भ में ’कर्त्तव्य पालन‘ के स्वरूप में भी ले सकते हैं। जहाँ...
    ५७ KB (४,१०६ शब्द) - ०६:५७, २३ फ़रवरी २०२३
  • एकांत ढूंढते हैं, हसंने के लिए अनेकांत। पुरुष में थोड़ी-सी पशुता होती है, जिसे वह इरादा करके भी हटा नहीं सकता। वही पशुता उसे पुरुष बनाती है। विकास के क्रम...
    ७५ KB (५,८५४ शब्द) - १३:१९, १० सितम्बर २०२३
  • पड़ता है। -- जाबालोपनिषद जिसे ज्ञान है वह समझता है कि विद्व्ता नहीं, बल्कि उसे उपयोग में लाने की कला का नाम ज्ञान है। -- एटील जिसे हम नहीं जान सकते उसे जानना...
    १३ KB (९९१ शब्द) - २२:०४, २० मई २०२३
  • नहीं करना चाहिए, यह सनातन धर्म है। हिन्दू धर्म है क्या? यह धर्म क्या है जिसे हम सनातन कहते हैं। यह हिन्दू धर्म मात्र इसलिये कहलाया क्योंकि यह हिन्दू राष्ट्र...
    २८ KB (१,८४९ शब्द) - १६:१४, २ अक्टूबर २०२३
  • जाल से निकलने मे सबसे बड़े 'अवरोधक' हैं। आत्मा, 'परमात्मा' का एक अंश है, जिसे हम अपने 'कर्मों' से 'गति' प्रदान करते हैं। फिर 'आत्मा' हमारी 'दशा' तय करती...
    २५ KB (१,८३२ शब्द) - १६:२२, १३ अप्रैल २०२४
  • मिल पाती तो जिंदगी से हार मान लेते हैं। हमेशा याद रखें जिसे हम पूरी शिद्दत से चाहते हैं। जिसे हमने लगातार चाहा हो, उसके न मिलने पर भी जिंदगी में आगे बढ़ते...
    ११ KB (८५६ शब्द) - १४:२६, २५ जून २०२३
  • विश्व का 6वाँ सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। यह पहले भारत का हिस्सा था, जिसे अँग्रेज़ो ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अलग देश बना दिया। स्टीफन कोहेन पाकिस्तान...
    ९९३ B (७० शब्द) - ०१:२७, ९ मार्च २०१६
  • मतिमांस्तस्मादर्थमेकं प्रसाधयेत् ॥ -- (पंचतंत्र, मित्रलाभ) ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे धन के द्वारा न पाया जा सकता है । अतः बुद्धिमान् व्यक्ति को एकमेव धन अर्जित...
    ४५ KB (३,४०६ शब्द) - १७:५०, ३० जुलाई २०२३
  • सुन्दर दिखना मुश्किल है। -- होसे बलौ सुन्दरता का सबसे अच्छा हिस्सा वो है जिसे कोई तस्वीर व्यक्त नहीं कर सकती। -- फ्रांसिस बेकन सुन्दरता किसी कारण से नहीं...
    १५ KB (१,००९ शब्द) - ०९:४९, ५ जून २०२३
  • आनन्द लेता है। वह गंभीर नहीं है। वह तनावमुक्त है। सत्य ऐसी कोई चीज नहीं है जिसे बाहर खोजा जाय, यह भीतर महसूस की जाने वाली चीज है। रचनात्मकता अस्तित्व में...
    ६४ KB (५,३७३ शब्द) - ०९:०५, १९ दिसम्बर २०२१
  • सन १७५६ से १८९० के बीच वस्तुओं के निर्माण की एक नयी प्रक्रिया आरम्भ हुई, जिसे औद्योगिक क्रांति कहते हैं। नयी निर्माण प्रक्रिया में हाथ से वस्तुओं का निर्माण...
    ६ KB (४४७ शब्द) - १६:२२, ८ नवम्बर २०२२
  • कहावत किसी भी आम व्यक्ति द्वार कही हो सकती है, जबकि लोकोक्ति उसे कहते हैं, जिसे विद्वानों द्वारा कहा गया है। सूखी तलाईया म मेंढक करय टर-टर : खुली आँखों से...
    २० KB (१,६४३ शब्द) - ००:१५, १ अक्टूबर २०२३
  • समुदाय है। -- अरस्तू कानून सामान्य हित में विवेक द्वारा दिया गया आदेश है जिसे वह व्यक्ति उद्घोषित व लागू करता है, जिस पर समाज की रक्षा का भार होता है।...
    २० KB (१,४८१ शब्द) - ०९:५५, ८ जुलाई २०२३
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