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१२ नवम्बर २०२५
- ०८:३३०८:३३, १२ नवम्बर २०२५ सुकनासोपदेश (इतिहास | सम्पादित करें) [१६,३५६ बाइट] अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) (''''शुकनासोपदेशः''' (शुकनास का उपदेश), कादम्बरी का ही एक अंश है। इसमें राजा तारापीड का नीतिनिपुण एवं अनुभवी मन्त्री शुकनास, राजकुमामार चन्द्रापीड को राज्याभिषेक के पूर्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
११ नवम्बर २०२५
- १२:४४१२:४४, ११ नवम्बर २०२५ एकनाथ (इतिहास | सम्पादित करें) [७,२४८ बाइट] अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) (''''सन्त एकनाथ''' मध्ययुग के एक सन्त थे। == उद्धरण == * यह सब संसार असार व क्षणिक है। पक्षी आँगन में दाना चुगने के लिए आते हैं और चुग कर उड़ जाते हैं।लड़कियाँ घरौंदे बनाती हैं,...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
५ नवम्बर २०२५
- ११:२८११:२८, ५ नवम्बर २०२५ राजनीतिक इस्लाम (इतिहास | सम्पादित करें) [११,५९६ बाइट] अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) (''''राजनीतिक इस्लाम''' अर्थात् इस्लाम के अनुसार चलने वाली राजनीति। == उद्धरण == * मुस्लिम राजनीति अनिवार्यतः मुल्लाओं की राजनीति है और वह मात्र एक अंतर को मान्यता देती है...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
२५ अक्टूबर २०२५
- २२:२५२२:२५, २५ अक्टूबर २०२५ गणेश शंकर 'विद्यार्थी' (इतिहास | सम्पादित करें) [९२,०४३ बाइट] अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) (' == उद्धरण== * मानव स्वत्व मिला नहीं करते। * कठिन समय, विपत्ति और घोर संग्राम, और कुछ नहीं, केवल प्रकृति की काट-छाँट हैं। * देश की सच्ची संपत्ति है उसके वे युवक और युवतिय...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
१८ अक्टूबर २०२५
- २३:०२२३:०२, १८ अक्टूबर २०२५ कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी (इतिहास | सम्पादित करें) [७,००७ बाइट] अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) (' == उद्धरण ==' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
- १९:५४१९:५४, १८ अक्टूबर २०२५ स्वामिनाथन गुरुमूर्ति (इतिहास | सम्पादित करें) [१४,२९४ बाइट] अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) (' == उद्धरण == ; आपातकाल पर : मैंने आपातकाल का अनुभव किया है. मैं भूमिगत था. मैं अपने पिता के श्राद्ध तक में शामिल नहीं हो सका था. मैं अपने घर में खाना नहीं खा सकता था. इस तरह की...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
- १७:४३१७:४३, १८ अक्टूबर २०२५ रामायण की ऐतिहासिकता (इतिहास | सम्पादित करें) [१,६५९ बाइट] अनुनाद सिंह (वार्ता | योगदान) ('रामायण प्राचीन भारत का एक एक महाकाव्य है जो संस्कृत में है। रामायण की ऐतिहासिकता एक जटिल विषय है और इस पर विद्वानों में मतभेद है। कुछ विद्वान इसे ऐतिहासिक घटना मानत...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)