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संस्कार

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संस्कार का अर्थ है - और अच्छा बनाना। शोधन, परिष्करण आदि इसके समानार्थी हैं।

उक्तियाँ

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  • जन्मना जायते शूद्रः संस्काराद्विज उच्यते।
वेदपाठात् भवेत् विप्रः, बह्म जानाति ब्राह्मणः।। -- मनुस्मृति
जन्म से तो सभी शूद्र होते हैं परन्तु जिन्हें सुसंस्कार प्राप्त हो जाते हैं उनका फिर से जन्म हुआ माना जाता है इसलिए वे द्विज कहलाते हैं। वेद पठन पाठन करने वाले विप्र और जिन्होंने ब्रह्म को अच्छी तरह जान पहचान कर अनुभूति प्राप्त कर ली है वे ही ब्राह्मण कहलाने लायक होते हैं। अन्य नहीं।