अर्थशास्त्र
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- मनुष्याणां वृत्तिरर्थः ; मनुष्यवती भूमिरित्यर्थः । तस्याः लाभपालनोपायः शास्त्रमर्थशास्त्रमिति । -- कौटिलीय अर्थशास्त्रम्, १८०वाँ प्रकरण (तन्त्रयुक्तयः)
- मनुष्यों की जीविका को अर्थ कहते हैं। मनुष्यों से युक्त भूमि को भी अर्थ कहते हैं। इस प्रकार, भूमि को प्राप्त करने और उसकी रक्षा करने वाले उपायों का निरूपण करने वाला शास्त्र अर्थशास्त्र कहलाता है।
- श्रुतिस्मृत्यविरोधेन राजवृत्तादिशासनम्।
- सुयुक्त्यार्थार्जनं यत्र ह्यर्थशास्त्रं तदुच्यते॥ -- शुक्रनीति ४-५५, विद्याकलानिरुपणप्रकरण
- अर्थशास्त्र वह है जिसमें राजाओं के आचरण की शिक्षा हो, जो श्रुति-स्मृति से भिन्न हो, और जिसमें बड़ी दक्षता के साथ सम्पत्ति प्राप्त करने की शिक्षा दी गयी हो।[१]
- अङ्गानि वेदाश्चत्वारो मीमांसा न्यायविस्तरः।
- पुराणं धर्मशास्त्रं च विद्या ह्येता चतुर्दश॥
- आयुर्वेदो धनुर्वेदो गान्धर्वश्चैव ते त्रयः।
- अर्थशास्त्रं चतुर्थं तु विद्या ह्यष्टादशैव ताः ॥ -- महाभारत, शान्तिपर्व ; विष्णुपुराण 3.6.28-29[२]
- धर्ममर्थे च कामं च प्रवर्तयति पाति च l
- अधर्मानर्थविद्वेषानिदं शास्त्रं निहन्ति च ll -- कौटिलीय अर्थशास्त्रम् 15.1.72
- यतः सर्वप्रयोजनसिद्धिः सोऽर्थः। -- नीतिवाक्यामृतम्, अर्थसमुद्देश्य, १
- जिसके द्वारा सभी प्रयोजनों की सिद्धि होती है, वह अर्थ है।
- अर्थमूलौ धर्मकामौ। -- कौटिल्य अर्थशास्त्र
- धर्म और काम का मूल अर्थ है। ( अर्थ के बिना धर्म और काम भी प्राप्त नहीं नहीं होते।)
- अर्थवान् सर्वलोकस्य बहुमतः। -- चाणक्यसूत्र २५५
- अर्थवान को सभी लोग विशेष सम्मान देते हैं।
- अर्थशास्त्र इस बात का अध्ययन है कि संसाधनों की कमी वाली स्थितियों में लोग किस प्रकर से निर्णय लेते हैं। -- Barry Boehm "Software engineering economics." Software Engineering, IEEE Transactions on 1 (1984): 4-21. p. 4.
- अर्थशास्त्र का ९५ प्रतिशत 'सामान्य बुद्धि' है जिसे जटिल बना दिया गया है। और शेष ५ प्रतिशत को सरल शब्दों में समझाया जा सकता है। -- Ha-Joon Chang, 23 Things They Don't Tell You About Capitalism, 2010
- कल्याण की संकल्पना को अर्थशास्त्र से निकाल दीजिये, और इसमें कुछ नहीं बचेगा। -- Colin Clark, Conditions of Economic Progress (1940)
- जब मैं युवा था तब सुनने में आता था कि जो कहने में मूर्खतापूर्ण लगे उसे गा देना चाहिये। आधुनिक अर्थशास्त्र में ऐसी मूर्खतापूर्ण चीजों को गणित के द्वारा कहा जा सकता है। -- Ronald Coase, The firm, the market and the law (1988) Chapter 6. A remark on "The problem of social cost" (last sentence).
- पूँजीवादी व्यवस्था में मानव, मानव का शोषण करता है। साम्यवादी व्यवस्था में इसका ठीक उल्टा होता है। -- Coluche, "Les syndicats et le délégué," Coluche : l'intégrale, vol. 3, "1989 chez Carrère".
- सार रूप में कहें तो अर्थशास्त्र गरीबी का अध्ययन है। -- Ronald Max Hartwell, The Long Debate on Poverty (1972), p. 3
- जो नहीं जानता कि थोड़े में कैसे जीया जाय, वह सदा गुलाम बना रहेगा। -- Horace, Epistles, I. 10. 41. Reported in Hoyt's New Cyclopedia Of Practical Quotations (1922), p. 216
- मानव व्यवहार को सूत्रों के रूप में प्रस्तुत करना ही हास्य वृत्ति की कमी को दर्शाता है, और इसलिये यह ज्ञान की कमी को भी दर्शाता है। -- Lin Yutang, The Importance of Living (1937)
- जब क्रय-विक्रय किसी नियम के द्वारा नियंत्रित किया जाता है तो सबसे पहले नियम बनाने वाले ही खरीदे जाते हैं। -- अज्ञात
- मुक्त व्यापार जो किसी सरकार द्वारा लोगों को दिया जाने वाले सबसे बड़े वरदानों में से एक है, लगभग सभी देशों में अलोकप्रिय है। -- लॉर्ड थॉमस मैकाले
- सभी (लोगों) से उनकी क्षमता के अनुसार (काम) लेना और प्रत्येक को उनकी आवशयकता के अनुसार (पारिश्रमिक) देना। -- कार्ल मार्क्स
- संसार के श्रमिको एक हो जाओ! तुम्हारे पास खोने के लिये बेड़ियों के अलावा कुछ भी नहीं है। -- कार्ल मार्क्स
- कोई भी देश व्यापार करने से कभी बर्बाद नहीं हुआ है। -- बेंजामिन फ्रैंकलिन
- बिना कुछ खोये कुछ भी प्राप्त नहीं होता। यदि आप उच्च जीवन-स्तर चाहते हैं तो आपको निन्म गुणवत्ता (क्वालिटी) का जीवन व्यतीत करना पड़ेगा। -- अज्ञात
- संरक्षणवाद, आर्थिक विफलता का संस्थागतकरण है। -- एडवर्ड हीथ
- नगरों को बर्बाद करने के लिये ज्ञात विधियों में बम डालने के बाद किराये का नियन्त्रण दूसरा सबसे कारगर उपाय है। -- Assar Lindbeck
- आपूर्ति अपना मांग स्वयं बनाती है। -- J.B. Say
- युग के प्रारम्भ से अब तक तीन महान आविष्कार हो चुके हैं- आग, पहिया और केन्द्रीय बैंकिंग। -- Will Rogers
- भूमि खरीदो। भगवान इसे अब नहीं बना रहे हैं। -- Will Rogers
- किसी तोते को आप मांग और पूर्ति कहना सिखा दीजिये और आपने एक अर्थशास्त्री बना दिया। -- अज्ञात
- मैने देखा है कि सभी को समान मात्रा में बर्फ मिलती है। जो धनी हैं उनको यह गर्मी में मिलती है और निर्धनों को जाड़े में। -- Bat Masterson
- जैसे-जैसे पूँजी का संचय बढ़ता है, वैसे-वैसे श्रमिकों की दशा खराब होती जाती है। -- कार्ल मार्क्स
- उद्योगपति के लिये एक ही नियम है और वह ये है- कर्मचारियों को ऊँचे से ऊँचा वेतन देते हुए कम से कम मूल्य पर जितना सम्भव हो अच्छे से अच्छी गुणवत्ता के सामान बनाओ। -- हेनरी फोर्ड
- राष्ट्रीय ऋण हमारे लिये राष्ट्रीय वरदान सिद्ध होगा यदि वह बहुत अधिक न हो। -- Alexander Hamilton