कार्ल मार्क्स
Jump to navigation
Jump to search
कार्ल मार्क्स[सम्पादन]
- लोकतंत्र समाजवाद का रास्ता है।
- धर्म लोगों का अफीम है।
- साम्यवाद के सिद्धांत का एक वाक्य में अभिव्यक्त किया जा सकता है: सभी निजी संपत्ति को ख़त्म किया जाये।
- अगर कोई चीज निश्चित है तो ये कि मैं खुद एक मार्क्सवादी नहीं हूँ।
- बहुत सारी उपयोगी चीजों के उत्पादन का परिणाम बहुत सारे बेकार लोग होते हैं।
- धर्म मानव मस्तिष्क जो न समझ सके उससे निपटने की नपुंसकता है।
- नौकरशाह के लिए दुनिया महज एक हेर-फेर करने की वस्तु है।
- पूँजी मृत श्रम है, जो पिशाच की तरह केवल जीवित श्रमिकों का खून चूस कर जिंदा रहता है, और जितना अधिक ये जिंदा रहता है उतना ही अधिक श्रमिकों को चूसता है।
- सामाजिक प्रगति समाज में महिलाओं को मिले स्थान से मापी जा सकती है।
- इतिहास खुद को दोहराता है, पहले एक त्रासदी की तरह, दुसरे एक मज़ाक की तरह।