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  • जाति धर्म का हो। इसके बाद भी इसे (सूर्य नमस्कार को ) साम्प्रदायिकता से जोड़ा रह है। इसलिये मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूँ कि वे दिन के समय अपने घरों के...
    ९२१ B (६६ शब्द) - २२:५५, २ फ़रवरी २०२३
  • व्यापारे वसते लक्ष्मी । (व्यापार में लक्ष्मी वसती हैं।) व्यवसाय पर आधारित मित्रता, मित्रता पर आधारित व्यवसाय से बेहतर होता है। -- जॉन डी रॉकफेलर यदि आप...
    २६ KB (२,०४१ शब्द) - १५:३३, ६ मई २०२४
  • ‘गीता पर बात’ मेरे जीवन की कहानी है, और यह मेरा संदेश भी है। अगर जीवन में सीमायें नहीं होंगी तो स्वतंत्रता का मोल नहीं होता। अगर हम हर रोज एक ही काम करते...
    २३ KB (१,८७६ शब्द) - ०८:३१, १३ नवम्बर २०२२
  • पद का भी तो होता है । -- कीर्ति चौधरी कुछ होगा , कुछ होगा अगर मैं बोलूंगा ल न टूटे , न टूटे तिलिस्म सत्ता काम मेरे अंदर एक कायर टूटेगा , टूट् । -- रघुवीर...
    ८७ KB (६,२०८ शब्द) - १८:३३, ५ दिसम्बर २०२२
  • झ: कहो जगेसर ई नाहीं कि जब शंखनाद होय तब झटपट अपने काम से पहुँच जावा करो। : अरे चल्ले तो आवथई का भहराय पड़ीं का सुत्तल थोड़े रहली हमहूँ के झापट कंधे...
    ९६ KB (७,४६३ शब्द) - ००:२२, १७ मार्च २०१४
  • गरदन दबाना : कुछ करने, देने, हानि सहने आदि के लिए विवश करना। ऐसे आदमियों से हम मिल जाते हैं और उनकी मदद से दूसरे आदमियों की गरदन दबाते हैं। गरदन रेतना :...
    ३२ KB (२,३१२ शब्द) - ०९:२०, २४ दिसम्बर २०१९
  • अपने बेरों को कोई खट्टा नहीं बताता : अपनी वस्तु को कोई बुरी नहीं बताता अपने मुँह मियाँ मिट्ठू : अपने मुँह अपनी प्रशंसा करना. अन्त भले का भला : अच्छे आदमी...
    ५६ KB (४,४९४ शब्द) - १८:०६, २३ दिसम्बर २०१९
  • कहावतें (अनुभाग )
    अब पछताए क्या होत जब चिडिया चुग गयी खेत अब पछताए क्या होत जब चिडिया चुग गयी खेत अन्धो मे , काना राजा अधजल गगरी छलकत जाय। भरी गगरिया चुप्पे जाय। अषाढ़ मास...
    ८ KB (६४२ शब्द) - १२:१४, १९ अक्टूबर २०२२
  • सिद्ध हो जायेगा और गुरु कृपा से निर्वाण समाधि की रक्षा होगी। सुंनि माई सुंनि बाप, सुंनि निरंजन आपै आप।१। सुंनि कै परचै भया सथीर, निहचल जोगी गहर गंभीर।२।...
    ४८५ KB (३९,२९५ शब्द) - १६:१३, १९ फ़रवरी २०२३