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  • जाति धर्म का हो। इसके बाद भी इसे (सूर्य नमस्कार को ) साम्प्रदायिकता से जोड़ा रह है। इसलिये मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूँ कि वे दिन के समय अपने घरों के...
    १ KB (९६ शब्द) - १५:२३, १७ जून २०२४
  • अकर्मा दस्यु रभि नो अमन्तुर न्य व्रतो अमानुषः। त्वं तस्या मित्र हन्व धर्दा सस्य दम्भयः॥ -- ऋग्वेद जो कर्म नहीं करता वह दस्यु है। उसे कोई सुख न होवे, तुम...
    १३ KB (९१२ शब्द) - ००:०९, ७ सितम्बर २०२४
  • ‘गीता पर बात’ मेरे जीवन की कहानी है, और यह मेरा संदेश भी है। अगर जीवन में सीमायें नहीं होंगी तो स्वतंत्रता का मोल नहीं होता। अगर हम हर रोज एक ही काम करते...
    २३ KB (१,८७६ शब्द) - ०८:३१, १३ नवम्बर २०२२
  • पद का भी तो होता है । -- कीर्ति चौधरी कुछ होगा , कुछ होगा अगर मैं बोलूंगा ल न टूटे , न टूटे तिलिस्म सत्ता काम मेरे अंदर एक कायर टूटेगा , टूट् । -- रघुवीर...
    ८७ KB (६,२०८ शब्द) - १८:३३, ५ दिसम्बर २०२२
  • झ: कहो जगेसर ई नाहीं कि जब शंखनाद होय तब झटपट अपने काम से पहुँच जावा करो। : अरे चल्ले तो आवथई का भहराय पड़ीं का सुत्तल थोड़े रहली हमहूँ के झापट कंधे...
    ९६ KB (७,४६३ शब्द) - ००:२२, १७ मार्च २०१४
  • गरदन दबाना : कुछ करने, देने, हानि सहने आदि के लिए विवश करना। ऐसे आदमियों से हम मिल जाते हैं और उनकी मदद से दूसरे आदमियों की गरदन दबाते हैं। गरदन रेतना :...
    ३२ KB (२,३१२ शब्द) - ०९:२०, २४ दिसम्बर २०१९
  • अपने बेरों को कोई खट्टा नहीं बताता : अपनी वस्तु को कोई बुरी नहीं बताता अपने मुँह मियाँ मिट्ठू : अपने मुँह अपनी प्रशंसा करना. अन्त भले का भला : अच्छे आदमी...
    ५६ KB (४,४९४ शब्द) - १८:०६, २३ दिसम्बर २०१९
  • कहावतें (अनुभाग )
    अब पछताए क्या होत जब चिडिया चुग गयी खेत Matlab bina soche samjhe kam karn ke baad jab kam main hani ya koi events hoti hai to fir sochne ka kya mahatv...
    ८ KB (६६५ शब्द) - ०७:४८, ७ सितम्बर २०२४
  • सिद्ध हो जायेगा और गुरु कृपा से निर्वाण समाधि की रक्षा होगी। सुंनि माई सुंनि बाप, सुंनि निरंजन आपै आप।१। सुंनि कै परचै भया सथीर, निहचल जोगी गहर गंभीर।२।...
    ४८५ KB (३९,२९५ शब्द) - १६:१३, १९ फ़रवरी २०२३