मार्ग

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मार्ग का अर्थ है - पथ, रास्ता, विधि आदि।

उद्धरण[सम्पादन]

  • महाजनो येन गतः स पन्थाः
महान लोग जिस मार्ग से गये हैं, वही सही रास्ता है।
  • निन्दन्तु नीतिनिपुणाः यदि वा स्तुवन्तु
लक्ष्मीः समाविशतु गच्छतु वा यथेष्टम्।
अद्यैव वा मरणमस्तु युगान्तरे वा
न्याय्यात्पथः प्रविचलन्ति पदं न धीराः ॥ -- भर्तृहरि
  • धर्म परायण व्यक्ति न्याय के पथ से कभी विचलित नही होते, चाहे नीति में निपुण लोग उनकी प्रशंसा करें या निन्दा करें, चाहे उन्हे सम्पत्ति मिलती हो या छिनती हो, चाहे आज ही मृत्यु होने वाली हो या युगों के बाद।
  • भिक्षुओ ! इन दो अन्तों (= चरम बातों ) की प्रव्रजितों को नहीं सेवन करना चाहिये। कौन से दो? (प्रथम) जो यह हीन, ग्राम्य, पृथक् जनों के योग्य, अनार्य ( सेवित ), अनर्थों से युक्त कामवासनाओं में काम-सुख लिप्त होना है, और (द्वितीय) जो यह दुःखमय, अनार्य ( - सेवित), अनर्थों से युक्त श्रात्म-पीड़न (= कायक्लेश ) में लगना है। भिक्षुओ ! इन दोनों अन्तों (= चरम बातों) में न जाकर तथागत ने मध्यम मार्ग को जाना है, ( जो कि ) आँख देने- वाला, ज्ञान करने वाला, शान्ति के लिये, अभिज्ञा के लिये, सम्बोधि ( = परम ज्ञान ) के लिये, निर्वाण के लिये है। -- महात्मा बुद्ध, धर्मप्रवर्तनसूत्र में
  • भिक्षुओ ! तथागत ने कौन सा मध्यम मार्ग जाना है ( जो कि ) आँख देनेवाला, ज्ञान करनेवाला, शान्ति के लिये, अभिज्ञा के लिये सम्बोधि के लिये, निर्वाण के लिये है? यही आर्य अष्टाङ्गिक मार्ग है, जैसे कि - ( १ ) सम्यक् दृष्टि ( २ ) सम्यक् संकल्प ( ३ ) सम्यक् वचन ( ४ ) सम्यक् कर्मान्त ( ५ ) सम्यक् आजीविका (६) सम्यक् व्यायाम ( = प्रयत्न ) (७) सम्यक स्मृति (८) सम्यक् समाधि । -- महात्मा बुद्ध, धर्मप्रवर्तनसूत्र में
  • लीक-लीक गाड़ी चलै, लीकहि चले कपूत।
यह तीनों उल्टे चलै, शायर सिंह सपूत॥
  • सत्य एक मार्गविहीन स्थान है और आप वहाँ किसी भी रास्ते से नहीं जा सकते - किसी भी सम्प्रदाय से, किसी भी पन्थ से। यह मेरा दृष्टिकोण है और मैं बिना किसी शर्त के पूर्णतः इसका अनुसरण कर्ता हूँ। -- जिद्दू कृष्णमूर्ति, Ommen, The Netherlands (1929), Dissolution speech (3 अगस्त 1929).
  • दूर चलने के बटोही बाट की पहचान कर ले। -- हरिवंश राय 'बच्चन'
  • हम एक आदर्श रास्ते की खोज में दिनोदिन इन्तजार करते रहते हैं कि शायद वह अब मिलेगा, किन्तु हम भूल जाते हैं कि रास्ते चलने के लिए बनाये जाते हैं, इन्तजार के लिए नहीं। -- अज्ञात
  • जब एक बार सही पथ के अनुगमन की इच्छा ही नहीं रहे तो यह अनुभूति ही नहीं हो सकती कि गलत क्या है। -- अज्ञात
  • जिस रास्ते को आप नही चुनते हो, उससे जुड़ी सबसे मुश्किल बात यह है कि वह रास्ता आपको पता नही कहाँ तक पहुंचा सकता था। --लिसा वांगटे

इन्हें भी देखें[सम्पादन]