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  • 2019) भारत की एक राजनेत्री थीं। वे भारतीय जनता पार्टी से सम्बद्ध थीं और भारत के विदेश मन्त्री सहित अनेक पदों पर कार्य किया। आपको गाँठ खोलना नहीं आता और मसखरी...
    १२ KB (९०३ शब्द) - ०५:३७, २५ अगस्त २०२३
  • हिन्दी (हिन्दी की महत्ता से अनुप्रेषित)
    विश्व की तीसरी और भारत में यह सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा है। इसके मातृ भाषा के रूप में बोलने वालों की संख्या 50 करोड़ से भी अधिक है। यह भारत में 22...
    १०५ KB (७,०२६ शब्द) - २०:२८, २४ सितम्बर २०२३
  • अटल बिहारी वाजपेयी (श्रेणी भारत के प्रधानमंत्री)
    कमाई के अलावा स्वास्थ, राजनीतिक भागीदारी, और हमारी संस्कृति और सामाजिक संगठन की उन्नति पर भी असर डालती है। भारत में भारी जन भावना थी कि पाकिस्तान के साथ...
    ४० KB (३,०७८ शब्द) - १२:४९, १९ जनवरी २०२३
  • साहित्यिक रचनाएँ सहायक होती हैं। तुलसीकृत रामचरितमानस उनकी विराट् प्रतिभा का साधनाजन्य वह पुरस्कार है, जो व्यक्ति के इहलोक एवं परलोक सुधारने की अद्वितीय क्षमता...
    ५७ KB (४,१०६ शब्द) - ०६:५७, २३ फ़रवरी २०२३
  • करो। सभी मरेंगे- साधु या असाधु, धनी या दरिद्र- सभी मरेंगे। चिर काल तक किसी का शरीर नहीं रहेगा। अतएव उठो, जागो और संपूर्ण रूप से निष्कपट हो जाओ। भारत में...
    ९९ KB (७,८२३ शब्द) - १९:२२, ५ अगस्त २०२३
  • बातों का भी वे निर्णय करते थे। नायक के सहायक बिट और चेटक आदि का वर्णन करने में भी वे नहीं चूकते थे। इस प्रकार की पुस्तकों अथवा कविताओं का बनना अभी बन्द...
    ५६ KB (४,२०६ शब्द) - २०:१६, ५ दिसम्बर २०२२
  • हिन्दी साहित्यकार, लेखक, विचारक और भारत के स्वतन्त्रता सेनानी थे। वे अनेक भाषाओं के ज्ञाता थे। उन्होंने दर्शन, साहित्य और इतिहास तीनों क्षेत्रों में काम...
    ४६ KB (३,४३१ शब्द) - ०८:१३, १९ अगस्त २०२३
  • विपत्ति में सहायक और बुढ़ापे में संचित धन है । — हितोपदेश जिस प्रकार रात्रि का अंधकार केवल सूर्य दूर कर सकता है, उसी प्रकार मनुष्य की विपत्ति को केवल...
    २८१ KB (१९,७५२ शब्द) - १४:५५, ११ जनवरी २०२३
  • सौन्दर्यबोध कला की विषयवस्तु है। साहित्य के सभी तत्त्व समान रूप से परिवर्तनशील नहीं है, इन्द्रियबोध की अपेक्षा भाव और भावों की अपेक्षा विचार अधिक परिवर्तनशील है।...
    ५५ KB (३,९९२ शब्द) - २३:४१, १२ अगस्त २०२३
  • मनुष्य की विद्या विवाद के लिये, धन अहंकार के लिये और शक्ति दूसरों को पीडा देने के लिये होती है। पर साधु (सज्जन व्यक्ति) का सभी विरुद्ध होता है। उनकी विद्या...
    २५७ KB (१९,१५७ शब्द) - १०:१८, ८ मार्च २०२२
  • पड़ता है उतने श्रम में भारत की सभी भाषाएँ सीखी जा सकती हैं। -- विनोबा केवल प्रकाश का अभाव ही अंधकार नहीं, प्रकाश की अति भी मनुष्य की आँखों के लिए अंधकार...
    ८० KB (६,०२५ शब्द) - १७:२३, ३० जुलाई २०२२
  • विपत्ति में सहायक और बुढ़ापे में संचित धन है । — हितोपदेश जिस प्रकार रात्रि का अंधकार केवल सूर्य दूर कर सकता है, उसी प्रकार मनुष्य की विपत्ति को केवल...
    ३०४ KB (२१,२०६ शब्द) - २१:०८, ३ फ़रवरी २०२२