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  • कबीरदास हम माया को बहुत बड़ी ठगनी समझते हैं, उसके हाथ में त्रिगुण की फाँसी का फंदा है और होंठों पर मीठे बोल। केशव (विष्णु) के यहाँ कमला (लक्ष्मी) बन बैठी और...
    २ KB (१६९ शब्द) - ०९:३८, १५ जनवरी २०२३
  • ह हा। हमारे जेल में सुरंग? हमारे जेल में पिस्तौल? ये हाथ नहीं फाँसी का फंदा है, गब्बर। भाग धन्नो भाग! आज तेरी बसंती की इज्जत का सवाल है। यूँ तो हमें...
    ६ KB (४५९ शब्द) - १५:४१, ९ जून २०१६
  • भिन्न संस्कृतियों के राष्ट्रों का फंदा है तो दूसरी ओर तुर्की, पर्शिया और अफगानिस्तान जैसे तीन मुस्लिम राष्ट्रों का फंदा पड़ा हुआ है। इन दोनों के बीच फंसे...
    ४३ KB (३,२६२ शब्द) - १४:२२, १९ अगस्त २०२३
  • भिन्न संस्कृतियों के राष्ट्रों का फंदा है तो दूसरी ओर तुर्की, पर्शिया और अफगानिस्तान जैसे तीन मुस्लिम राष्ट्रों का फंदा पड़ा हुआ है। इन दोनों के बीच फंसे...
    ३० KB (२,२३५ शब्द) - ०७:३३, ३१ अगस्त २०२३
  • पहिने सुंदर समला । क्यों सखि सज्जन नहिं सखि अमला ।। रूप दिखावत सरबस लूटै । फंदे मैं जो पड़ै न छूटै ।। कपट कटारी जिय मैं हुलिस । क्यों सखि सज्जन नहिं सखि...
    ५ KB (३३९ शब्द) - ०१:०५, १५ मार्च २०१४
  • गाती हूँ मैं औ नाच सदा काम है मेरा। ऐ लोगो शुतुरमुर्ग परी नाम है मेरा ।। फन्दे से मेरे कोई निकले नहीं पाता। इस गुलशने आलम में बिछा दाम है मेरा ।। दो चार...
    ७ KB (६१२ शब्द) - ००:३३, १३ मार्च २०१४
  • बेताबी से उस दिन की प्रतीक्षा कर रहा हूं जब मुझे अपने आदर्श के लिए फांसी के फंदे पर धूलने का सौभाग्य प्राप्त होगा। मैं खुशी के साथ फांसी के तख्ते पर चढ़कर...
    ४३ KB (३,४५१ शब्द) - १५:१८, १३ मई २०२२
  • वैसा ही फल भी भोगना पड़ेगा। जोग वियोग भोग भल मंदा । हित अनहित मध्यम भ्रम फंदा । जनमु मरनु जहँ लगि जग जालू । संपति बिपति करमु अरू कालू । मिलाप और बिछुड़न...
    १०० KB (७,९९९ शब्द) - ०९:५२, १८ जून २०२३
  • -- अमीर खुसरो नित मेरे घर आवत है रात गये फिर जावत है । फंसत अमावस गोरी के फंदा । हे सखि साजन , ना सखि , चंदा ( मुकरी / कहमुकरनी ) -- अमीर खुसरो खीर पकाई...
    ८७ KB (६,२०८ शब्द) - १८:३३, ५ दिसम्बर २०२२
  • कोतवाल को फाँसी का हुकुम हुआ था। जब फाँसी देने को उस को ले गए, तो फाँसी का फंदा बड़ा हुआ, क्योंकि कोतवाल साहब दुबले हैं। हम लोगों ने महाराज से अर्ज किया...
    ४६ KB (३,६४३ शब्द) - ०८:४५, १९ अक्टूबर २०२२
  • तो वह स्वतन्त्र है। उसे मत रोको। यदि कोई हिन्दु स्त्री किसी मुसलमान के फन्दे में मुसलमान होना चाहे तो उसे कदापि मुसलमानी न बनने दिया जाए। प्रत्युत सम्बन्धियों...
    ५० KB (३,८१३ शब्द) - २१:३२, २६ अप्रैल २०२४
  • मन बड़ा चंचल है, इसका निरालम्ब रहना दुःसाध्य है। कभी यह इस जगत की आशा के फंदे में बँधा रहता है, कभी परम उदास यानी विरक्त अवस्था मे रहता है। कभी यह मन कामिनी...
    ४८५ KB (३९,२९५ शब्द) - १६:१३, १९ फ़रवरी २०२३