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  • -- ओशो उस शिक्षा का क्या महत्व जो हमारे अंदर गलत को सही करने का जूनून और निडरता न पैदा कर सके। -- किरण बेदी उससे मत डरो जो वास्तविक नहीं है, ना कभी था ना...
    २७ KB (२,२३१ शब्द) - २२:३७, २४ मई २०२२
  • बाधा या दिक्कत आये बल्कि हमे ईश्वर से यही प्रार्थना करें कि हम उन दुखों का निडरता से उनका सामना करें। हमें आजादी तभी मिलती है जब हम इसकी कीमत चुका देते हैं।...
    १२ KB (९७९ शब्द) - ०९:१७, ९ अक्टूबर २०२२
  • चन्द्रशेखर आजाद (२३ जुलाई १९०६ - २७ फरवरी १९३१) भारत के एक निडर क्रांतकारी थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम के लिये सशस्त्र संघर्ष का मार्ग अपनाया।...
    १२ KB (९६० शब्द) - ०७:२३, १४ नवम्बर २०२२
  • आर्टिस्ट थे। अच्छा व्यक्ति मृत्यु के बाद मिलने वाले पुरस्कार और दण्ड से निडर होकर जीवन जीता है। किसी काम को आप बीच में ही छोड़ देते हैं या आधा ही करते...
    ३ KB (२०३ शब्द) - ०८:२६, ५ जनवरी २०२३
  • समझदार व्यक्ति वही कहलाता है, जो धीरज रखने वाला, क्रोधित न होने वाला और निडर होता है। उदार हृदय, दयालु वाणी, और सेवा व करुणा का जीवन वे बातें हैं जो मानवता...
    ४९ KB (४,०५७ शब्द) - २३:४१, ७ अप्रैल २०२४
  • हे अमृत के पुत्र, हे अमरत्व के बालक! शक्ति का गीत गाओ। विजय का गीत गाओ। निडर होकर आगे बढ़ो और चमकीले लक्ष्य तक पहुँचो। आइए! आइए! योग का अभ्यास करें। गंभीरता...
    ११ KB (८७० शब्द) - १४:४५, १३ मई २०२२
  • किसलिए। अभय रहने से मनुष्य का कोई भी, कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता है। बल तो निडरता में है, आपके शरीर से इसका कोई मतलब नहीं है। अगर इस शरीर से ममता छूट जाय...
    ८२ KB (६,२८८ शब्द) - २०:४६, २३ सितम्बर २०२३
  • पार जाने का एकमात्र उपाय मृत्यु को स्वीकार कर लो। फिर वह विलीन हो जाता है। निडर होने का एकमात्र तरीका भय को स्वीकार करना है। तब ऊर्जा मुक्त हो जाती है और...
    ६४ KB (५,३७३ शब्द) - ०९:०५, १९ दिसम्बर २०२१
  • विकसित होता है और जीवन में समृद्धि का उदय होता है। धीर और वीर वे हैं जो निडर रहते हैं, अधीर नहीं होते और हर कठिनाई का हँसते-मुस्कराते स्वागत करते हैं।...
    ११८ KB (८,७७१ शब्द) - १६:३३, १६ जनवरी २०२४
  • बोले गए शब्दों से मुक्त बुद्धि की बेड़ियों की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए एक निडर दृष्टिकोण और मुक्त बुद्धि की आवश्यकता है। इसे भविष्य के लिए आशा की आवश्यकता...
    ९२ KB (७,४६९ शब्द) - ११:२८, ८ नवम्बर २०२२
  • गया होगा, उस दिन ही मनुष्यता की हार हो गई। धर्म अच्छे को डरपोक और बुरे को निडर बनाता है। धार्मिक उन्माद पैदा करना, अंधविश्वास फैलाना, लोगों को अज्ञानी और...
    ३६ KB (२,८३३ शब्द) - २२:३३, ६ नवम्बर २०२२
  • रूप के विरुद्ध संघर्ष का बिगुल बजाने को तत्पर रहता है। ये हममें साहस और निडरता भरता है। -- -डॉ. प्रेम जनमेजय उड़ने की अपेक्षा जब हम झुकते हैं तब विवेक...
    ८० KB (६,०२५ शब्द) - १७:२३, ३० जुलाई २०२२