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  • बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय, बांग्ला के महान साहित्यकार थे। 'वन्दे मातरम्' उनकी ही रचना है जो 'आनन्दमठ' में है। तुम वसन्त की कोयल हो, सुंदर आदमी। जब फूल...
    १० KB (७७० शब्द) - २१:४३, ५ मई २०२३
  • शरत्चन्द्र चट्टोपाध्याय (15 सितम्बर 1876 – 16 जनवरी 1938) बांग्ला के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार तथा कथाकार थे। प्रेम सब कुछ जानता है। रुपया-पैसा कमाना और उन्नति...
    १० KB (७२५ शब्द) - ०५:३७, १ फ़रवरी २०२२
  • वन्दे मातरम् (शाब्दिक अर्थ : माँ की वन्दना करता हूँं) बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित एक संस्कृत गीत है। इसकी रचना उन्होने १८७० के दशक में की थी।...
    ३ KB (२५० शब्द) - ०७:२४, ३१ मार्च २०२२
  • देवदास शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर आधारित चलचित्र है। यह इसी नाम पर बना तीसरा और प्रथम रंगीन चलचित्र है। इस चलचित्र में शाहरुख़ खान, ऐश्वर्या...
    २ KB (१४७ शब्द) - १६:३३, ११ नवम्बर २०१७
  • सबसे पहले जहाँ से बुलावा आता है, वह वहीं चला जाता है। -- बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय कल के हमारे अहसास की सीमा ही आज की हमारी शंका होगी। -- फ्रैंकलिन डी०...
    ६ KB (४२३ शब्द) - २१:३८, १४ अप्रैल २०२४
  • हरि तुमि कर्म। त्वं हि प्राणाः शरीरे। वन्दे मातरम्‌॥ -- बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय, आनन्दमठ में तू ही मेरा ज्ञान, तू ही मेरा धर्म है, तू ही भगवान, तू ही...
    २४ KB (१,७६६ शब्द) - ०६:०३, ७ अप्रैल २०२४
  • राइट्स, प्रयाग तथा स्वराज्य, अप्रैल 2019) वन्दे मातरम् -- बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय स्वतन्त्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। मैं इसे लेकर रहूँगा। -- बालगंगाधर...
    ८ KB (५२५ शब्द) - १३:१३, २४ सितम्बर २०२३
  • हैं। उनका जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था। इनके पिता अघोरनाथ चट्टोपाध्याय एक नामी विद्वान और इनकी मां कवयित्री थीं और बांग्ला में लिखती थीं। सरोजिनी...
    ८ KB (६४३ शब्द) - १०:५०, २६ फ़रवरी २०२४
  • शंकरदेव आरु माधबदेवे मानवताबोधर शिखरलै आगबढ़ाइ निय़े। ड° सुनीति कुमार चट्टोपाध्याय़। श्रीमन्त शंकरदेव असमर एजन युगसिद्ध धर्मगुरु। तेओँ केवल असमरे किय़,...
    ३९ KB (२,२७४ शब्द) - २३:००, ३१ अगस्त २०२३