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वेंकैया नायडू

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वेंकैया नायडू

मुप्पावरपु वेंकैया नायडू (जन्म 1 जुलाई 1949) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जिन्होंने 2017 से 2022 तक भारत के 13वें उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वे बड़े वाक्पटु हैं।

विचार[सम्पादन]

  • अपनी मातृभाषा बोलना उसे संरक्षित रखने का एक तरीका है, लेकिन यदि विदेशी भाषा के प्रति जुनून बढ़ता है तो इससे मातृभाषा के अस्तित्व पर खतरा मंडराएगा। यह जिम्मेदारी माता-पिता की है कि वे अपनी मातृभाषा के प्रति हीन भावना न रखें तथा बच्चों को अपनी मातृभाषा से प्रेम करना सिखाएं। -- (जून २०२४)
  • सरकार पर शिक्षा का भगवाकरण करने का आरोप है, लेकिन भगवा में क्या गलत है? थॉमस बबिंगटन मैकाले एक ब्रिटिश इतिहासकार थे जिन्होंने भारत में शिक्षा के माध्यम के रूप में अंग्रेजी की शुरूआत में एक प्रमुख भूमिका निभाई। भारतीयों को अपनी औपनिवेशिक मानसिकता छोड़ देनी चाहिए और अपनी भारतीय पहचान पर गर्व करना सीखना चाहिए। ( २० मार्च २०२२ को हरिद्वार के देव संस्कृति विश्वविद्यालय में अपने भाषण में)
  • भारत में 19 हजार से अधिक भाषाएं मातृभाषा के तौर पर इस्तेमाल होती हैं। हमें देश की समृद्ध भाषा विरासत को सहेजने की आवश्यकता है। देश के प्रत्येक बच्चे को स्कूली शिक्षा उनकी मातृभाषा में दी जानी चाहिए। इससे न केवल सीखने की क्षमता विकसित होगी, बल्कि हमारी भाषाओं का संरक्षण भी संभव हो सकेगा। -- ( २०१९ में दिल्ली तमिल स्टूडेंट्स एसोसिएशन के छात्रों को संबोधित करते हुए)
  • भारत की शिक्षा प्रणाली से भारतीय संस्कृति और परम्परा झलकनी चाहिए।
  • गैर-संक्रमणकारी रोग मुख्य रूप से जीवनशैली में बदलाव की वजह से होते हैं। युवा पीढ़ी को पारंपरिक भारतीय भोजन और योग के लाभों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
  • हम उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के युग में हैं।
  • गुरु प्रेरणादायक और अपूरणीय हैं।
  • वामपन्थ कभी सही नहीं हो सकता। (Left can never be right.)
  • आडवाणी जी काम करने वाले पुरुष अधिक हैं, बात करने वाले पुरुष कम।
  • देश पहले, फिर पार्टी और स्वयं अन्त में।

वेंकैया नायडू के बारे में अन्य लोगों के विचार[सम्पादन]

  • वेंकैया नायडू जी का जीवन विचारों, दूरदर्शिता और व्यक्तित्व के सम्मिश्रण की एक आदर्श झलक है। -- नरेन्द्र मोदी, वेंकैया नायडू के जीवन के ७५ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में
  • राजनीति में अपने प्रारम्भिक दिनों से लेकर उपराष्ट्रपति जैसे शीर्ष पद तक, नायडू गारू ने भारतीय राजनीति की जटिलताओं को जितनी सरलता और विनम्रता से पार किया, वो अपने आपमें एक उदाहरण है। उनकी वाकपटुता, हाजिरजवाबी और विकास से जुड़े मुद्दों के प्रति उनकी सक्रियता के कारण उन्हें दलगत राजनीति से ऊपर हर पार्टी में सम्मान मिला है।

    वेंकैया गारू और मैं दशकों से एक-दूसरे से जुड़े रहे हैं। हमने लंबे समय तक अलग-अलग दायित्वों को संभालते हुए साथ काम किया है, और मैंने हर भूमिका में उनसे बहुत कुछ सीखा है। मैंने देखा है, जीवन के हर पड़ाव पर आम लोगों के प्रति उनका स्नेह और प्रेम कभी नहीं बदला। -- नरेन्द्र मोदी