बाबा रामदेव

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बाबा रामदेव भारत के एक योग गुरु एवं राष्ट्रवादी उद्योगपति हैं।

उक्तियाँ[सम्पादन]

  • अगर हम अपनी अंदरूनी क्षमताओं का बेहतरीन उपयोग करें तो हम पुरुष से महापुरुष बन सकते हैं।
  • अच्छे कामो में सहयोग करो; सहयोग नहीं कर सकते तो कम से कम असहयोग मत करो।
  • अपने जीवन को छोटे उद्देश्यों के लिए जीना अपने जीवन का अपमान है।
  • अपने भीतर संकल्प की अग्नि हमेशा प्रज्वलित रखो। इससे आपका जीवन हमेशा प्रकाशमान रहेगा।
  • अपने विचार ही सम्पूर्ण खुशियों का आधार हैं।
  • अपने सुख-दुख का कारण दूसरे व्यक्ति नहीं, हमारे अच्छे बुरे विचार ही होते हैं।
  • अरे भैया! तेरे अंदर नॉलेज कितना है? तेरे भीतर कितनी ताकत है? आज मेरी एक सिग्नेचर में ताकत है। अगर मैं सिग्नेचर करूं तो मैं किसी को 1000 करोड़ रुपए दे सकता हूं। ये मेरे सिग्नेचर की ताकत है। पेन 5 पैसे या 5 रुपए का हो इससे कोई मतलब नहीं ।
  • आयुर्वेद, कला और विज्ञान का मेल है।
  • आरोग्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है।
  • आहार से ही मनुष्य की प्रकृति और स्वभाव बनता हैं। शाकाहार से शान्त और मांसाहार से उग्र बनता है।
  • इस दुनिया मे जीना ओर यहां से जाना गौरवपूर्ण होना चाहिये।
  • ऊंची सोच, पक्का इरादा ओर कड़ी मेहनत के साथ डट जाओ। पीछे मत हटो। पूरी दुनिया आपके कदमो मे होगी।
  • कभी भी छोटा मत सोचो; कम से कम 25 से 50 सालो का सोचो।
  • कर्म को अपना धर्म मानने; बस आपको किसी गुरु की जरूरत नहीं है।
  • कर्म ही मेरा धर्म है; कर्म ही मेरा पूजा है; कर्म ही इस संसार का सत्य और जीवन है।
  • किसी व्यक्ति की नही व्यक्तित्व की पूजा करो। चित्र की नही चरित्र की पूजा करो। कर्म को अपना धर्म मानो। राष्ट्रधर्म को सबसे ऊपर रखें।
  • खाने के बाद किसी को भी सोना नहीं चाहिए क्योंकि इस से मोटापा बढ़ता है।
  • छोटे उद्देश्य के लिए जीना, जीवन का अपमान है।
  • जिंदगी में आप सारे काम करो लेकिन इतना बड़ा सोचो और इतनी मेहनत करो। दुनिया कहे कि यह है मेरा रोल मॉडल या यह मेरा आईकाॅन। यह है मेरा इस सदी का महानायक…..
  • जिंदगी में कभी भी कोई गलत काम मत करो। ना भगवान के विधान को तोड़ो, ना देश के संविधान को तोड़ो, ना अपनी आत्मा के बाद के खिलाफ चलो।
  • जो भी करता हूं, इसे भारत माता का मुझ पर जो कर्ज है उस फर्ज को निभाने के लिए करता हूं।
  • ज्ञान का अर्थ मात्र जानना नहीं, वैसा हो जाना है।
  • दृढ़ता रखो, जिद्द नही। बहादुर बनो, जल्दबाज़ नही। दया रखो, लेकिन कमजोरी नही।
  • नकारात्मक विचार, दिमागी विकारों के कारण हैं।
  • निष्काम कर्म का अर्थ कर्म का अभाव नही, बल्कि कर्तव्य के अहंकार का अभाव है।
  • प्रसन्नता अंदर से आती है, ना कि बाहर से।
  • प्रेम, वासना नहीं उपासना है। वासना का उत्कर्ष, प्रेम की हत्या है । प्रेम, समर्पण एवं विश्वास की पराकाष्ठा है।
  • बड़ा काम करने का साहस करो।
  • बड़ी सोच, कड़ी मेहनत, पक्के इरादा के साथ जहां लग जाओ। फिर पीछे मत हटो। सफलता ही नहीं सारी दुनिया आपके कदमों में होगी। यही मेरे सफलता का सिद्धांत है।
  • बहुत से लोग जवानी में ही बुढ़ापे का आनन्द लेने लगते हैं।
  • बुढापा आयु से नही, अपने विचारों से देखा जाता हैं।
  • बुढ़ापा कोई उम्र नहीं है, यह तो हमारी सोच का परिणाम है।
  • भारत मेरा घर है, तो विश्व मेरा परिवार है। यदि मेरा घर दरिद्र रहेगा तो दुनिया के सामने मैं आंख मिलाकर बात नहीं कर सकता।
  • भीड़ में खोया इंसान खोज लिया जाता हैं, लेकिन विचारो की भीड़ में भटके इंसान का जीवन अंधकारमय हो जाता है।
  • मानव जीवन हमारे लिए ईश्वर का सबसे बड़ा उपहार है।
  • माल जरूर बेचता हूं लेकिन देश नहीं बेचता।
  • मेरा कोई बैंक अकाउंट नहीं है लेकिन एक फेसबुकaअकाउंट जरूर था।
  • मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूँ कि मैंने इस पवित्र भूमि में जन्म लिया है।
  • यंगस्टर लोगों में ब्रांडेड पेन का ऐसा क्रेज है कि उसको वह सामने दिखाने के लिए रखते हैं…
  • यह सब राष्ट्र के लिए है, यह मेरा नही है।
  • विचारों का शुद्धिकरण और नियंत्रण सफलता का मार्ग है।
  • विचारो की अपवित्रता ही क्रूरता, हिंसा, अपराध, अन्याय, शोषण ओर अधर्म हैं।
  • विचारों में शुद्धीकरण ही मात्र एक नैतिकता है।
  • वैचारिक दरिद्रता ही किसी देश के दुख, पीड़ा, अवनति और अभाव का प्रमुख कारण हैं।
  • वैचारिक दृढ़ता ही देश के सुख समृद्धि और उन्नति का मूलमंत्र हैं।
  • व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व की पूजा करें। चित्र नहीं चरित्र की पूजा करें। कर्म को अपना धर्म मानें और राष्ट्रधर्म को सबसे ऊपर मानें।
  • सभी बीमारियों का इलाज योग में और अच्छी जीवनशैली में निहित है।
  • साधु किसी वस्त्र से नही, चरित्र से बनता है।
  • सुख बाहर नही, अपने भीतर से आता है।
  • हमारा जीना व दुनिया से जाना दोनों ही गौरवपूर्ण होना चाहिए।

इन्हें भी देखें[सम्पादन]