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- सो सुची सो च ब्राह्मणो॥ -- भगवान बुद्ध ब्राह्मण न तो जटा से होता है, न गोत्र से और न जन्म से। जिसमें सत्य है, धर्म है और जो पवित्र है, वही ब्राह्मण है।...१६ KB (१,०४१ शब्द) - २१:५७, २१ मार्च २०२४
- गोत्र बतला के, पाते हैं जग में प्रशस्ति अपना करतब दिखला के। हीन मूल की ओर देख जग गलत कहे या ठीक, वीर खींच कर ही रहते हैं इतिहासों में लीक। मूल जानना बड़ा...३० KB (२,३८१ शब्द) - ००:००, १३ मई २०२३
- 72) परमात्मा की सृष्टि का हर व्यक्ति समान है। चाहे उसका रंग वर्ण, कुल और गोत्र कुछ भी क्यों न हो। 73) ज्ञान अक्षय है, उसकी प्राप्ति शैय्या तक बन पड़े तो...२६ KB (२,०५१ शब्द) - १०:४५, १२ जून २०२१
- में रामोदार स्वामी के नाम से प्रसिद्ध था, और लंका छोड़ने से पूर्व ही अपने गोत्र को जोड़कर अपने को रामोदार सांकृत्यायन बना चुका था। मैं समझता था, यही नाम...४६ KB (३,४३१ शब्द) - ०८:१३, १९ अगस्त २०२३
- सिर्फ हिन्दू कह देने से ही पिंड नहीं छूट सकता। ब्राह्मण हैं? कौन ब्राह्मण? गोत्रा क्या है? मूल क्या है?” -- रेणु रचनावली भाग २, पृष्ठ 60 तहसीलदार साहब की...३१ KB (२,३७० शब्द) - १८:४७, १४ मई २०२३
- ‘अज्ञातनामगोत्रा ब्राह्मण सेवक हरिश्चन्द्र’ और दूसरे पर ‘राजाधिराज अज्ञात नाम गोत्रा ब्राह्मण महाराज’ खुदा रहे और आज से राज काज के सब पत्रों पर भी यही नाम रहे।...१७८ KB (१४,५३५ शब्द) - ००:०३, ११ मार्च २०१४