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  • चरखा भारत की आर्थिक आज़ादी का प्रतीक है। चरखे के बिना दूसरे उद्योग नहीं चल सकते है, वैसे ही जैसे यदि सूरज डूब जाए तो दूसरे ग्रह भी डूब जायेगे। चरखा तो...
    ८२ KB (६,२८८ शब्द) - २०:४६, २३ सितम्बर २०२३
  • तिरुवल्लुवर अपनी पत्नी बासुही के साथ अत्यन्त सरल जीवन व्यतीत करते थे। पत्नी चरखे पर सूत कातती और वे कपड़ा बुनकर बाजार में बेचते। उनके शान्त स्वभाव, सत्य-निष्ठा...
    ५ KB (३९६ शब्द) - ०८:०३, ७ नवम्बर २०२२
  • यदन्तेनातिरोहति। य.: सहस्र शीर्षा का अध्याय तो हमैं भी यह याद है। यह मत पढ़िये दूसरा चरखा निकालिये। मु. भ.: तरते नमः म्हणा। स. भ.: हां-राज्ञेनमः वणिजेनम गौरायचनमस्ताभ्रायचनमः...
    ८ KB (४७८ शब्द) - २३:४३, १२ मार्च २०१४
  • देश के सभी लोगो की आर्थिक समानता और स्वतन्त्रा का आरंभ है। – महात्मा गाँधी चरखा एक सिम्बल यानी एक संकेत-चिह्न या प्रतीक है श्रम-निष्ठा का। दुनिया में शोषण...
    ९ KB (७०५ शब्द) - ०८:२७, १ अक्टूबर २०२३
  • नक्षत्र की वर्षा प्राय: सारी खेती नष्ट कर देती है। जो बरसे पुनर्वसु स्वाती। चरखा चलै न बोलै तांती। पुनर्वसु और स्वाती नक्षत्र की वर्षा से किसान सुखी रहते...
    १९ KB (१,४८९ शब्द) - १८:०८, २२ अगस्त २०१९
  • दोस्तों को दीये जलाने और थाली और बर्तन पीटने के साथ एक समस्या है। क्या 'चरखा' चलाने से अंग्रेज हमारा देश छोड़ कर चले गए थे? यह एक सांकेतिक प्रदर्शन था...
    १४ KB (१,१०७ शब्द) - २३:५७, १८ अगस्त २०२३
  • प्रशांत से, हरगौरी अपनी मौसेरी बहन से, बालदेव कोठारिन (लछमी) से, कालीचरण चर्खा स्कूल की मास्टरनी से प्रेम करते हैं। -- सहदेव डॉक्टर से इतना हेल-मेल बढ़ाना...
    ३१ KB (२,३७० शब्द) - १८:४७, १४ मई २०२३
  • साजन , ना सखि , चंदा ( मुकरी / कहमुकरनी ) -- अमीर खुसरो खीर पकाई जतन से और चरखा दिया जलाय । आया कुत्ता खा गया तू बैठी ढोल बजाय ॥ -- अमीर खुसरो ( ढकोसला )...
    ८७ KB (६,२०८ शब्द) - १८:३३, ५ दिसम्बर २०२२