सुधांशु त्रिवेदी

विकिसूक्ति से
  • (कभी) उजड़ा हुआ गुलशन था, रोता हुआ माली था। (अभी) महका हुआ गुलशन है, हँसता हुआ माली है। इक वो भी दिवाली थी, इक ये भी दिवाली है॥
  • यह एक सांकेतिक प्रदर्शन था और स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी इस तरह की चीजें की गई थीं। त्रिवेदी ने कहा, हमारे कई दोस्तों को दीये जलाने और थाली और बर्तन पीटने के साथ एक समस्या है। क्या 'चरखा' चलाने से अंग्रेज हमारा देश छोड़ कर चले गए थे? यह एक सांकेतिक प्रदर्शन था जिसे गांधीजी द्वारा चुना गया। आलोचना करने वाले इतिहास नहीं जानते। -- लॉकडाउन के दौरान दीये जलाने और थाली पीटने की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए
  • हिंदी के स्वर,व्यंजन व वर्ण अपने शुद्ध संस्कृतनिष्ठ स्वरूप में ही उत्कृष्ट वैज्ञानिक अभिव्यक्ति हैं।
  • झारखंड के गठन के बाद यहां बहुमत की सरकार न होने की वजह से विकास कार्य करना आसान नहीं था। यूएनडीपी रिपोर्ट में झारखंड गरीबी उन्मूलन करने वाले राज्य में तेजी से ऊपर आया है। ये डबल इंजन की सरकार की वजह से ही संभव हो पाया है।
  • विपक्ष बात तो समाज के निर्धन और वंचित तबके की करता रहा लेकिन भर्ष्टाचार के जरिये खुद के लोगों को लाभ देता रहा।
  • आज शत्रुघ्न सिन्हा को प्रधानमंत्री के लिए सबसे ज्यादा पात्र व्यक्ति राहुल गांधी लगते हैं। शत्रुघ्न सिन्हा ने अखिलेश यादव को प्रधानमंत्री पद का दमदार उम्मीदवार बताया है। कांग्रेस खुद अपने सांसद प्रत्याशी से पूछकर यह तय कर ले कि आखिर पीएम मैटेरियल किसमें है और किसमें नहीं।
  • हम जिस परम्परा में विशवास करते हैं -भारतीय परम्परा यह कहती हैं नागपंचमी भी मानते हैं साँपों को दूध भी पिलाते हैं, तो नाग यज्ञ भी करने का सामर्थ्य भी रखते हैं जिसमे सारे नाग आ कर आहूत हो जाए।
  • किसी विषय पर या प्रश्न के उत्तर में बोलने के लिए बुद्धि की आवश्यकता होती है और चुप रहने के लिए विवेक की। कब बोलना है कितना बोलना है और कब नहीं बोलना है यह मायने रखता है।
  • विरोधी के सामने विरोध में पक्ष रखते समय भी सकारात्मक बातों को याद दिलाना महवपूर्ण होता है।
  • एक समय था जब इंटरनेट मीडिया इतना प्रभावी नहीं था तब सच्चाई सामने नहीं आ पाती थी। विगत 20 वर्षों में मीडिया के साथ साथ इंटरनेट मीडिया की भूमिका और प्रभावी हुई है। -- जालियंवाला बाग संशोधन विधेयक पर चर्चा करते हुए
  • देश को आजादी बिना खून बहाए नहीं मिली है। हजारों लोगों ने जलियांवाला बाग में अपने जीवन का बलिदान दिया है। भविष्य में यह कभी नहीं कहा जाना चाहिए कि हमने रक्त की एक भी बूंद बहाए बिना ही स्वतंत्रता प्राप्त की है।
  • सिर्फ यह कह देना कि बिना खड़ग बिना ढाल के बिना स्वतंत्रता प्राप्त की पूरी सही बात नहीं होगी। जालियांवाला बाग में भी हजारों लोगों ने खून बहाया।
  • स्वतंत्रता आंदोलन में सभी ने बराबर का योगदान दिया है।
  • कांग्रेसी नेता बेशक जेल में रहे हैं और उनका योगदान भी भुलाने लायक नहीं है, लेकिन जिन्होंने जेल के अंदर यातनाएं झेली हैं उनका भी योगदान कम नहीं है।
  • ज्ञानवापी हिंदू-मुस्लिम का विषय नहीं, बल्कि ऐतिहासिक निर्णय लेने का विषय है, ऐतिहासिक परिर्वतन का विषय है।
  • आज मुस्लिम समुदाय उस मुकाम पर खड़ा हैै, जहां उसे तय करना है कि वह मोहम्मद साहब की शिक्षा को मानने वाले हैैं या किसी बादशाह की सियासत को।।
  • कांग्रेस पहले खुद को जोड़े रखे, फिर देश को जोड़ने की बात करे। कांग्रेस के तमाम बड़े नेता पार्टी को छोड़कर जा रहे हैं, ऐसे में उन्हें पार्टी की चिंता करनी चाहिए।।
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश वैश्विक शक्ति के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। ऐसे में राहुल गांधी विदेश में जाकर देश की छवि को धूमिल कर रहे हैं। जिस देश ने भारत को अधीन रखा। वहां राहुल गांधी अपमानजनक और आलोचनात्मक बयान दे रहे हैं।
  • कांग्रेस एक पार्टी नहीं है बल्कि प्रवृति है जो भारतीय राजनीति के समस्य दुगुर्णो का मूल केंद्र है, जिसने भ्रष्टाचार, जातिवाद, अपराधिकरण, परिवारवाद सहित सभी बुराईयों को विस्थापित करने का कार्य किया है, इसलिए कांग्रेस से मुक्ति यानि की इन सभी बुराईयों से मुक्ति दिलाना ही भाजपा का संकल्प है। -- उदयपुर टाउन हॉल सभागार में आयोजित हुए भाजपा और नगर निगम के प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन को संबोधित करते सुधांशु त्रिवेदी
  • सुनियोजित ढंग से देश में गलत इतिहास को प्रसारित किया गया। जबकि हमारा अपना इतिहास बहुत गौरवशाली है। किताबों में अकबर महान पढ़ाया गया लेकिन यहां के करोड़ों लोगों के दिलों में महाराणा प्रताप महान है।
  • देश ही नहीं दुनिया में पीएम मोदी ने अपनी छाप छोड़ी है। यही कारण है कि आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है।
  • आने वाला समय अमृत काल के रूप में देखा जा रहा है। भारत को विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाना एक मात्र लक्ष्य है। ।
  • नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में जिस तरह की हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ और राष्ट्रीय मर्यादा को तार-तार करने वाले काम हो रहे हैं वह खेदजनक है।
  • जो लोग इस कानून का विरोध कर रहे हैं, उनमें तीन तरह के लोग शामिल हैं। पहले, वे राजनीतिक दल हैं जो सत्ता से बाहर हो चुके हैं और किसी भी कीमत पर फिर सत्ता में वापसी चाहते हैं, चाहे इसके लिए कुछ भी अनैतिक क्यों न करना पड़े। दूसरी, वे राष्ट्रविरोधी और हिंसक ताकतें हैं, जो विदेशों से संचालित होती हैं।
  • नागरिकता संशोधन कानून लागू होने के बाद पाकिस्तान से आए जिन लोगों को भारत की नागरिकता मिलनी है, उनमें से 90 प्रतिशत दलित हैं। लेकिन यह दुखद है कि स्वयं को दलितों का मसीहा बताने वाले नेता और राजनीतिक दल भी इसका विरोध कर रहे हैं।
  • कांग्रेस सीएए का विरोध करने वालों में सबसे आगे है, लेकिन वह हर मुद्दे पर दोहरा रवैया अपनाती रही है। संसद में कुछ और, सड़क पर कुछ और ।
  • यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों के बारे में सोचा गया हो। देश के विभाजन के समय सितम्बर, 1947 में महात्मा गांधी ने कहा था कि जो हिंदू, सिख, पाकिस्तान से आना चाहते हैं, इन्हें शरण देना ही नहीं बल्कि इनकी आजीविका का प्रबंध और इन्हें जीवन स्तर सुधारने का अवसर देना भारत सरकार का प्रथम कर्तव्य है।
  • 'मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि संविधान का कौन सा अनुच्छेद राज्यों को देश की विदेश नीति पर टिप्पणी करने का अधिकार देता है?
  • कांग्रेस एक राष्ट्रीय दल होकर केरल विधानसभा के प्रस्ताव का समर्थन कर रही है। कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि नागरिकता केंद्र का विषय है राज्यों का नहीं। फिर वह किस आधार से केरल विधानसभा के प्रस्ताव का समर्थन कर रही है?'
  • पत्रकारिता इंडेक्स में भारत के पिछड़ने पर कहा कि बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि राज्यों की सरकार पत्रकारों को धमकाने और जेल में डालने का काम कर रही हैैं। इससे देश की पत्रकारिता के प्रति विश्व में गलत धारणा बन रही है।