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  • जा सकता है कि विश्व-साहित्य का प्रथम शब्द 'अग्नि' ही है। ऐतरेय ब्राह्मण आदि ब्राह्मण ग्रन्थों में यह बार-बार कहा गया है कि देवताओं में प्रथम स्थान अग्नि...
    १४ KB (९८२ शब्द) - १५:२८, ५ अगस्त २०२३
  • कबीर, दादू आदि के लोकधर्म विरोधी स्वरूप को यदि किसी ने पहचाना तो गोस्वामी जी ने। गोस्वामी जी की भक्तिपद्धति की सबसे बड़ी विशेषता है उसकी सर्वांगपूर्णता।...
    ५६ KB (४,१५४ शब्द) - १७:०८, ५ दिसम्बर २०२२
  • उन्का जन्म कोलकाता में हुआ था। उनके गुरु श्रील भक्ति सिद्धान्त सरस्वती गोस्वामी ने उन्हें 1922 में वैदिक ज्ञान के प्रचार के लिए प्रोत्साहित किया। 1944...
    १४ KB (१,०९९ शब्द) - ११:१२, २६ अगस्त २०२३
  • को छोड़कर, अन्य सब अर्थात् क्षेत्रीय महाजन, जमींदार, यहाँ तक कि आदरणीय ब्राह्मण भी, जो हिंदी बोलते हैं, असभ्य ग्रामीण हैं। (हन्टर कमीशन में भारतेन्दु के...
    २६ KB (१,९४३ शब्द) - ०७:०८, १४ जुलाई २०२३
  • पारस परस कुधातु सुहाई ॥ — गोस्वामी तुलसीदास गगन चढहिं रज पवन प्रसंगा । ( हवा का साथ पाकर धूल आकाश पर चढ जाता है ) — गोस्वामी तुलसीदास बिना सहकार , नहीं...
    २८१ KB (१९,७५२ शब्द) - १४:५५, ११ जनवरी २०२३
  • ——गोस्वामी तुलसीदास १२। कादर मन कँह एक अधारा। दैव दैव आलसी पुकारा।। ——गोस्वामी तुलसीदास १३। परहित सरिस धर्म नहिं भाई। परपीरा सम नहिं अधमाई।। ——गोस्वामी...
    २५७ KB (१९,१५७ शब्द) - १०:१८, ८ मार्च २०२२
  • पारस परस कुधातु सुहाई ॥ — गोस्वामी तुलसीदास गगन चढहिं रज पवन प्रसंगा । ( हवा का साथ पाकर धूल आकाश पर चढ जाता है ) — गोस्वामी तुलसीदास बिना सहकार , नहीं...
    ३०४ KB (२१,२०६ शब्द) - २१:०८, ३ फ़रवरी २०२२
  • ग्वारन । -- रसखान ' जिस प्रकार रामचरित का गान करने वाले भक्त कवियों में गोस्वामी तुलसीदास जी का स्थान सर्वश्रेष्ठ है उसी प्रकार कृष्णचरित गानेवाले भक्त...
    ८७ KB (६,२०८ शब्द) - १८:३३, ५ दिसम्बर २०२२
  • लिये थे। हुशंगाबाद में रहते समय भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के कविवचन सुधा और गोस्वामी राधाचरण के एक मासिक पत्र ने मेरे उस अनुराग की वृद्धि कर दी। वहीं मैंने...
    ५६ KB (४,२०६ शब्द) - २०:१६, ५ दिसम्बर २०२२