खोज परिणाम

  • सबकी अक्ल ठिकानेलगती है। अपनी खिचड़ी अलग पकाना : सबसे अलग रहना -आप लोग किसी के साथ मिलकर काम करना नहींजानते, अपनी खिचड़ी अलग पकाते हैं। नीचे दी गयीं कड़ियों...
    ८ KB (५९० शब्द) - २३:१४, ६ जुलाई २०२१
  • अक्ल ठिकाने लगती है। अपनी खिचड़ी अलग पकाना : सबसे अलग रहना -आप लोग किसी के साथ मिलकर काम करना नहींजानते, सबसे रहकर अपनी खिचड़ी अलग पकाते हैं। नीचे दी गयीं...
    ८ KB (६२९ शब्द) - १८:३६, २५ नवम्बर २०१८
  • मुकरियाँ भी बदल गईं । बानगी दस पाँच देखिए-- सब गुरुजन को बुरो बतावै । अपनी खिचड़ी अलग पकावै ।। भीतर तत्व न झूठी तेजी । क्यों सखि सज्जन नहिं अँगरेजी ।। तीन...
    ५ KB (३३९ शब्द) - ०१:०५, १५ मार्च २०१४
  • -- डाॅ. बच्चन सिंह कबीर की भाषा का निर्णय करना टेढी खीर है, क्योंकि वह खिचड़ी है। -- डाॅ. श्यामसुन्दर दास कबीर प्रधानतः उपदेशक और समाज सुधारक थे। -- लक्ष्मी...
    २२ KB (१,५८१ शब्द) - ०९:२१, ५ दिसम्बर २०२२
  • सबकी अक्ल ठिकाने लगती है। अपनी खिचड़ी अलग पकाना : सबसे अलग रहना। आप लोग किसी के साथ मिलकर काम करना नहीं जानते, अपनी खिचड़ी अलग पकाते हैं। आग-बबूला होना :...
    ४८ KB (३,५२४ शब्द) - १७:१२, २२ अक्टूबर २०२१
  • रंग का झंडा थोड़ा सादा, थोड़ा लाल और पीला, यह है तो खिचड़ी पार्टी का झंडा है। कांग्रेस तो खिचड़ी पार्टी है। इसमें जमीदार है, सेठ लोग हैं और पासंग मारने...
    ३१ KB (२,३७० शब्द) - १८:४७, १४ मई २०२३
  • होना। घी का चिराग जलाना : कार्य सिद्ध होने पर आनंद मनाना, प्रसन्न होना। घी-खिचड़ी होना : आपस में अत्यधिक मेल होना। घुट-घुट कर मरना : पानी या हवा के न मिलने...
    ३२ KB (२,३१२ शब्द) - ०९:२०, २४ दिसम्बर २०१९
  • सज्जन ! नही अंगरेज । -- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र सब गुरुजन को बुरा बतावै , अपनी खिचड़ी अलग पकावै । भीतर तत्व न , झूठी तेजी , क्यों सखि साजन नहिं अंगरेजी । -- भारतेन्दु...
    ८७ KB (६,२०८ शब्द) - १८:३३, ५ दिसम्बर २०२२
  • मन न लगे तो कोई और काम करना ही अच्छा है। खिचड़ी खात के नीक लागे अउरी बटुली माजत के पेट फाटे। अनुवाद : खिचड़ी खाते समय अच्छी लगे और बरतन धोते समय परेशानी...
    १२२ KB (९,६४९ शब्द) - ११:३०, २२ जून २०२३