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  • लिए भी कुछ देता है। -- Lily Tomlin गुरु वह मोमबत्ती है जो खुद जलाकर सबको उजाला देता है गुरु केवल वह नहीं जो हमें कक्षा में पढ़ाते हैं बल्कि हर वो व्यक्ति...
    १४ KB (९११ शब्द) - १९:३६, १५ अक्टूबर २०२३
  • पहचान उजागर करता है वस्तुओं की नहीं। आस्था वह पक्षी है जो अँधेरे में भी उजाले की शक्ति महसूस करती है। प्रत्येक शिशु जन्म लेकर यही संदेश लेकर आता है की...
    १२ KB (९७९ शब्द) - ०९:१७, ९ अक्टूबर २०२२
  • का निमंत्रण है रंग दुनियाने दिखाया है निराला, देखूँ है अंधेरे में उजाला, तो उजाला देखूँ आईना रख दे मेरे सामने, आखिर मैं भी कैसा लगता हूँ तेरा चाहने वाला...
    ३८ KB (३,३३५ शब्द) - ०७:५९, ८ अगस्त २०२३
  • हमें उनसे लड़ने के लिए एक आशा की किरण भी दिखाई देती है जो हमें अंधकार से उजाले की तरफ ले जाती है। – Malcolm s. Forbes मुझे प्रकाश से प्यार है क्योकि वह...
    ५ KB (४१६ शब्द) - ०७:०८, १३ मई २०२२
  • सर्वश्रेष्ठ मूर्ख है जो संसार को सुखसागर मानता हैं। -- समर्थ रामदास एक बात दिन के उजाले के समान साफ़ है कि दुःख का कारण अज्ञान के सिवाय कुछ और नहीं है। -- स्वामी...
    १० KB (७६२ शब्द) - २३:४२, २२ जुलाई २०२३
  • उपकरण है। -- जार्ज कार्लिन बिना किसी शक के सच का झूठ से वही सम्बन्ध है जो उजाले का अँधेरे से है। -- लेनार्डो द विन्ची बिना संदेह के सच सुन्दर है; पर झूठ...
    २९ KB (२,२२३ शब्द) - ११:५१, ५ अगस्त २०२३
  • परिस्थिति से उबरने का एक रास्ता हैं। यह गीत दुःख को अँधेरे से बाहर निकालकर उजाले में ले आते हैं। -- रेबा मैकएंटायर संगीत एक ऐसे आनन्द को जन्म देता है, जिसके...
    १९ KB (१,५१० शब्द) - २३:५७, १५ अक्टूबर २०२२
  • निर्भर रहता है वह जीवित रहते हुए भी मृतप्राय होता है। नहीं. अँधेरे घर का उजाला : घर का अकेला, लाड़ला और सुन्दर पुत्र. आए की खुशी न गए का गम : हर हालत में...
    ५६ KB (४,४९४ शब्द) - १८:०६, २३ दिसम्बर २०१९
  • है लेकिन छोटे-छोटे पुष्पों से कभी खिन्न नहीं होता। -- रवींद्रनाथ ठाकुर उजाला एक विश्वास है जो अँधेरे के किसी भी रूप के विरुद्ध संघर्ष का बिगुल बजाने...
    ८० KB (६,०२५ शब्द) - १७:२३, ३० जुलाई २०२२
  • कि रंगभूमि की पृथ्वी हिलती है, तोप छूटने का सा बड़ा शब्द और बिजली का सा उजाला होता है। नेपथ्य में बाजे की ओर बस धन्य और जय-जय की ध्वनि होती है, फूल बरसते...
    १७८ KB (१४,५३५ शब्द) - ००:०३, ११ मार्च २०१४
  • सकल द्वन्दो का नास हो जाता है)। अवधू ऐसा ग्यांन बिचारी, ता मै झिलमिल जोति उजाली।१। जरां जोग तहां रोग न ब्यापैं, ऐसा परषि गुरु करना।२। तन मन सूं जे परचा...
    ४८५ KB (३९,२९५ शब्द) - १६:१३, १९ फ़रवरी २०२३