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लालकृष्ण आडवाणी

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भारतरत्न लालकृष्ण आडवानी

भारतरत्न लालकृष्ण आडवाणी (जन्म : ०८ नवंबर, १९२७)[] भारत के एक राजनेता हैं। २०२४ में भारत सरकार ने उन्हें भारतरत्न सम्मानित किया।

विचार

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  • आपलोगों को केवल झुकने के लिये कहा गया था, किन्तु आपलोग घुटनों के बल चलने लगे। -- आपातकाल में प्रेस पर प्रतिबन्ध के सम्बन्ध में
  • देश पहले, पार्टी आगे, स्वयं आखिर में।
  • भारत को अपने मूल हिंदू चरित्र के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए।
  • भाजपा अगर एक इमारत है तो आरएसएस आधारशिला है।
  • (भारत का) विभाजन ब्रिटिश अपराध था। लेकिन आपातकाल हमारा अपराध है।
  • मुझे हमारी राजनीति में ऐसा कुछ नहीं दिखता है जो मुझे नेतृत्व के किसी भी उत्कृष्ट पहलू का आश्वासन देता हो। लोकतंत्र और लोकतंत्र से संबंधित अन्य सभी पहलुओं के प्रति प्रतिबद्धता की कमी है।
  • पार्टी को सीमाएं नहीं लांघनी चाहिए।
  • कारसेवकों के लिए गोलियां, कश्मीरी आतंकवादियों के लिए बिरयानी।
  • भारतीय लोकतंत्र का सार विविधता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सम्मान है।
  • कुछ विधायकों के व्यक्तिगत मतभेद हो सकते हैं, लेकिन सभी मतभेदों को पार्टी के ढांचे के भीतर सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटा जाना चाहिए।
  • मुझे सार्वजनिक रूप से बोलने में शर्म आती है और हमेशा सार्वजनिक भाषण देने से बचना चाहता हूँ।
  • सत्ता का लालच कभी पूरा नहीं होता, यह एक भ्रम है। सत्ता का उपयोग जनता की सेवा के लिए करना चाहिए।
  • हम अतीत की गलतियों से सीखकर, वर्तमान को सुधार कर, भविष्य को उज्ज्वल बना सकते हैं।
  • भारत एक महान राष्ट्र है और उसका भविष्य उज्ज्वल है। हमें इस महान राष्ट्र को और भी मजबूत और समृद्ध बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
  • सहिष्णुता और लोकतंत्र भारत की आत्मा है। हमें इन मूल्यों को बनाए रखना चाहिए और किसी भी तरह से इनका हनन नहीं होने देना चाहिए।
  • विपक्ष का होना लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। यह सरकार को सही रास्ते पर चलने में मदद करता है।
  • राजनीति सेवा का माध्यम है, स्वार्थ साधने का नहीं।
  • हमें अपने देश और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। लेकिन साथ ही हमें दूसरों की संस्कृतियों का भी सम्मान करना चाहिए।
  • आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) में शामिल होने के बाद से, मुझे जीवन में जो भी कार्य सौंपा गया, उसमें मैंने अपने प्यारे देश की समर्पित और निस्वार्थ सेवा में ही पुरस्कार मांगा।'

लालकृष्ण आडवाणी पर अन्य लोगों के विचार

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  • आडवाणी जी ने भाजपा की मूल भावना को संपूर्णता में समेटा है। विशेषतौर पर हमारा मार्गदर्शक मंत्र - पहले देश, फिर पार्टी और अंत में स्वयं। मुझे भाजपा का कार्यकर्ता होने पर गर्व है और गर्व है कि आडवाणी जी जैसी महान हस्तियों ने इसे मजबूती दी है। -- भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी

सन्दर्भ

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