राज्य
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- नैव राज्यं न राजाऽऽसीन्न च दण्डो न दाण्डिकः।
- धर्मेणैव प्रजाः सर्वा रक्षन्ति स्म परस्परम्॥ -- महाभारत (शान्तिपर्व)
- अर्थ : न (उस समय) राज्य था न राजा था। न दण्ड था न दण्ड देने वाला। धर्म से ही सारे लोग परस्पर रक्षा करते थे।
- सुखस्य मूलं धर्मः। धर्मस्य मूलमर्थः। अर्थस्य मूलं राज्यम्। राज्यस्य मूलमिन्द्रियजयः। (चाणक्य नीतिसूत्र)
- अर्थ : सुख का मूल (जड़) धर्म है। धर्म का मूल अर्थ (धन-सम्पत्ति, रुपया-पैसा, सोना-चाँदी आदि) है। अर्थ का मूल राज्य है। राज्य का मूल इन्द्रियों पर विजय है।
- राज्यं नाम शक्तित्रयायत्तम् । शक्तयश्च मन्त्रप्रभावोत्साहाः परस्परानुगृहीताः कृत्येषु क्रमन्ते । मन्त्रेण हि विनिश्चयोर्थानां प्रभावेण प्रारम्भः । उत्साहेन निर्वहणम् । अतः पञ्चाङ्गमन्त्रमूलो द्विरूपप्रभावस्कन्धश्चतुर्गुणोत्साहविटपो द्विसप्ततिप्रकृतिपत्त्रः षड्गुणकिसलयः शक्तिसिद्धिपुष्पफलश्च नयवनस्पतिर्नेतुरुपकरोति । -- दण्डी, दशकुमारचरितम् में
- राज्य तीन शक्तियों के अधीन है और ये शक्तियाँ हैं- मंत्र, प्रभाव और उत्साह जो एक दूसरे से लाभान्वित होकर कर्तव्यों के क्षेत्र में प्रगति करती हैं। मंत्र (योजना, परामर्श) से कार्य का ठीक निर्धारण होता है, प्रभाव (राजोचित शक्ति, तेज) से कार्य का आरम्भ होता है और उत्साह (उद्यम) से कार्य सिद्ध होता है। अतः पाँच मंत्र की जड़ों () वाला, प्रभाव के दो स्कन्ध वाला, चार प्रकार के उत्साह से युक्त शाखा वाला, बहत्तर प्रकृति के पत्तों वाला, छः प्रकार के किसलय वाला तथा शक्ति के पुष्प और सिद्धि के फल से युक्त नय (नीति) रूपी वनस्पति (अपने सभी अंगों सहित) विजिगीषु का निरन्तर उपकार करने वाला होता है। (मन्त्र के पाँच अङ्ग हैं- friends, expedients, distinction of place and time, counteraction of evil, success)
- स्टेटिज्म (Statism) एक कपोलकल्पित आदर्श है जो मानता है कि केवल सही मात्रा में, सही लोगों द्वारा और सही दिशा में उपयोग की गयी हिंसा समाज को पूर्ण बना सकती है। -- Keith Hamburger, as quoted in “The Myth of Limited Government: Anarchy Vs. Minarchy”, Jon Torres, Logical Anarchy, August 12, 2014
- राज्य एक षड्यन्त्र है जो न केवल शोषण के लिये, अपितु अपने नागरिकों को भ्रष्ट करने के लिये भी बनाया गया है। लेव टॉलस्टॉय, Letter to Vasily Botkin
- "सफलता के लिये एक स्थिर राज्य चाहिये, स्थिर सरकार नहीं।" -- Karolina Vidović-Krišto, quoted in the morning talk-show Dobro jutro Hrvatska of the Croatian Radiotelevision, 13th May 2018