महाजन
दिखावट
- महाजनो येन गतः स पन्था। -- महाभारत
- महान व्यक्तियों ने जो रास्ता अपनाया, वही सही रास्ता है (उसी पर चलना चाहिये)।
- अनर्थमप्यभिप्रेतं मन्यते परमार्थवत्।
- महाजनैर्धृतः पन्था येन सत्यज्यते बलात्॥ -- शुक्रनीतिसार ३।६९
- विद्या के मद से उम्मत पुरुष अपने तर्कों से आठ ( परमहितैषी ) जनों के उपदेश-वचनों को कुछ भी नहीं समझता और अनर्थकारी भी अपने अभीष्ट विचार को परमार्थ-युक्त (उचित कर्तव्य ) समझता है। और जिससे वह महाजनों (अच्छे पुरुषों) से स्वीकृत मार्ग का भी हठात् परित्याग कर देता है ।
- महाजनस्य संसर्गः कस्य नोन्नतिकारकः।
- पद्मपत्रस्थितं तोयम्, धत्ते मुक्ताफलश्रियम्॥
- महापुरुषों का सामीप्य किसके लिए लाभदायक नहीं होता? कमल के पत्ते पर पड़ी हुई पानी की बूँद मोती जैसी शोभा प्राप्त कर लेती है।
- चटकाकाष्ठ-कूटेन मक्षिका-दर्दुरैस् तथा।
- महाजन-विरोधेन कुञ्जरः प्रलयं गतः॥ -- पञ्चतन्त्र १.३६२
- एवमेषां महासिद्धि भूमिः श्रीसंप्रशोभिताः ।
- महाजन समाकीर्ण्णा सर्वभूम्युत्तमा वभौ ॥ -- स्वयम्भूधर्मधातुसमुत्पत्तिः