भारतमाता
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- रत्नाकरधौतपदां हिमालयकिरीटिनीम्।
- ब्रह्मराजर्षिररत्नाढ्यां वन्दे भारतमातरम्॥ -- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एकात्मता स्त्रोत्र
- जिनके पैर समुद्र द्वारा धोए जाते हैं, जो हिमालय को अपने मुकुट के रूप में पहनते हैं, ऋषियों और राजाओं के रत्नों से सुशोभित हैं, भारत माता के प्रति, मैं उनके सम्मान में नमन करता हूँ।
- भारतमाता हमारे दर्शनशास्त्र की जननी है , अरबों के रास्ते हमारे अधिकांश गणित की जननी है , बुद्ध के रास्ते ईसाइयत आदर्शों की जननी है , ग्रामीण समाज के रास्ते स्व-शासन और लोकतंत्र की जननी है । अनेक प्रकार से भारत माता हम सबकी माता है । -- विल्ल डुरान्ट , अमरीकी इतिहासकार
- हिंदुस्तान के साथ जिस के सारे हित संबंध जुड़े हैं, जो इस देश को भारत माता कहकर अति पवित्र दृष्टि से देखता है, तथा जिसका देश के बाहर कोई अन्य आधार नहीं है, ऐसा महान धर्म और संस्कृति से एक सूत्र में गूंथा हुआ हिंदू समाज ही, यहां का राष्ट्रीय समाज है।-- केशव बलिराम हेडगेवार
- मैं साधना करूँगा, ग्रामवासिनी भारतमाता के मैले आँचल तले! कम-से-कम एक ही गाँव के कुछ प्राणियों के मुरझाए ओठों पर मुस्कुराहट लौटा सकूँ, उनके हृदय में आशा और विश्वास को प्रतिष्ठित कर सकूँ। -- 'मैला आँचल' में डॉ० प्रशान्त ममता से