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पाण्डुरंग शास्त्री आठवले

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पाण्डुरंग शास्त्री वैजनाथ आठवले (19 अक्टूबर 1920 – 25 अक्टूबर 2003) भारत के एक दार्शनिक एवं समाज-सुधारक थे जिन्होंने भगवद्गीता और उपनिषदों पर प्रवचन दिया। उन्हें 'दादा' के नाम से जाना जाता है।

उक्तियाँ

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  • धर्म पहली और सबसे महत्वपूर्ण संस्था है जिसने ईश्वर का बौद्धिक परिचय दिया और उसके साथ स्वयं के संबंध को प्रकट किया और मनुष्य को जीवन के अर्थ का पता लगाने में सक्षम बनाया।
  • जो अदृष्य को देखते हैं वे असम्भव कार्य को भी कर सकते हैं।
  • मानवता की प्रगति मन और बुद्धि की प्रगति है।
  • भगवान आअके लिये काम नहीं करता, वह आपके साथ काम करता है।
  • संस्कृति में सोचने का ढंग, जीवन का मार्ग और पूजा का मार्ग सम्मिलित हैं।
  • निडरता अपने आप में विश्वास और भगवान में विश्वास का परिणाम है।