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  • सुनकर हर्षित होते हैं, ऐसे उत्तम पुरुष जगत में बहुत नहीं हैं। कबित रसिक न राम पद नेहू। तिन्ह कहँ सुखद हास रस एहू॥ भाषा भनिति भोरि मति मोरी। हँसिबे जो हँसें...
    १५ KB (१,०६० शब्द) - ०७:२९, ३ जून २०२३
  • भी कुछ? सत्या. फौ. : हाँ। रचिकै मत वेदांत को, सबको ब्रह्म बनाय। हिंदुन पुरुषोत्तम कियो, तोरि हाथ अरू पाय ।। महाराज, वेदांत ने बड़ा ही उपकार किया। सब हिंदू...
    ७९ KB (६,२१० शब्द) - ००:०८, १७ मार्च २०१४
  • लघु से महान्, अणु से विभु, आत्मा से परमात्मा, नर से नारायण, पुरुष से पुरुषोत्तम बनने की विचारधारा का नाम आस्तिकता है। लोग क्या कहते हैं, इस पर ध्यान मत...
    ११८ KB (८,७७१ शब्द) - १६:३३, १६ जनवरी २०२४
  • हरि करि पान। मद्यहि पी के नाश सब करत शंभु भगवान ।। विष्णु वारुनी, पोर्ट पुरुषोत्तम मद्य मुरारि। शांपिन शिव, गौड़ी गिरिश, ब्रांडी ब्रह्म विचारि ।। मंत्री :...
    ६९ KB (५,२३३ शब्द) - ००:०२, ११ मार्च २०१४
  • अपरिमित कोश से हिन्दी शब्दों की सब कठिनाइयाँ सरलता से हल कर लेगी। - राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन। देवनागरी हिन्दुस्तान की एकता के लिये हिन्दी भाषा जितना काम देगी...
    ३०४ KB (२१,२०६ शब्द) - २१:०८, ३ फ़रवरी २०२२