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- सकल जहान॥ बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय। रहिमन बिगरे दूध को, मथे न माखन होय आब गई आदर गया, नैनन गया सनेहि। ये तीनों तब ही गये, जबहि कहा कछु देहि॥...९ KB (७६१ शब्द) - २३:०४, ४ दिसम्बर २०१८
- तिहु पुर का ताज डारा । -- रसखान काग के भाग को का कहिये , हरि हाथ सो ले गयो माखन रोटी । -- रसखान मानुस हौं तो वही रसखान बसो संग गोकुल गांव के ग्वारन । --...८७ KB (६,२०८ शब्द) - १८:३३, ५ दिसम्बर २०२२
- जहान ॥ बिगरी बात बने नहीं , लाख करो किन कोय । रहिमन फाटै दूध को , मथे न माखन होय ॥ केवल वीरता से नहीं , नीतियुक्त वीरता से जय होती है । अन्य वस्तु के...२८१ KB (१९,७५२ शब्द) - १४:५५, ११ जनवरी २०२३
- जहान ॥ बिगरी बात बने नहीं , लाख करो किन कोय । रहिमन फाटै दूध को , मथे न माखन होय ॥ केवल वीरता से नहीं , नीतियुक्त वीरता से जय होती है । अन्य वस्तु के...३०४ KB (२१,२०६ शब्द) - २१:०८, ३ फ़रवरी २०२२