सिख धर्म

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सिख धर्म भारत की धरती से उत्पन्न एक धर्म है। 'सिख' शब्द, 'शिष्य' का अपभर्ंश है। सिख ईश्वर के वे शिष्य हैं जो दस सिख गुरुओं की शिक्षाओं का पालन करते हैं। सिख एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। उनका मानना ​​है कि उन्हें अपने प्रत्येक काम में ईश्वर को याद करना चाहिये। इसे सिमरन (सुमिरण) कहा जाता है। विश्व भर में ढाई करोड़ से अधिक सिख हैं जिनमें से अधिकांश भारतीय राज्य पंजाब में निवास करते हैं।

सिख अपने पंथ को गुरुमत (गुरु का मार्ग) कहते हैं। सिख परम्परा के अनुसार, सिख धर्म की स्थापना गुरु नानक (1469-1539) द्वारा की गई थी और बाद में नौ अन्य गुरुओं ने इसका नेतृत्व किया। सिख मानते हैं कि सभी १० मानव गुरुओं में एक ही आत्मा का वास था। १०वें गुरु गोबिंद सिंह (1666-1708) की मृत्यु के बाद अनन्त गुरु की आत्मा ने स्वयं को सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब (जिसे 'आदि ग्रंथ' भी कहा जाता है) में स्थानान्तरित कर लिया और इसके उपरान्त गुरु ग्रंथ साहिब को ही एकमात्र गुरु माना गया।


इन्हें भी देखें[सम्पादन]