सरलता

विकिसूक्ति से

सरलता या सीधापन वह गुण है जो 'टेढ़ापन' या 'वक्रता' का विलोम है।

उक्तियाँ[सम्पादन]

  • नात्यन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम् ।
छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः ॥
अपने व्यवहार में बहुत सीधे ना रहें, जाकर वन में देख लें। वहाँ जो सीधे पेड़ होते हैं वे पहले काटे जाते हैं, और जो पेड़ टेढ़े होते हैं वो खड़े रहते हैं।
  • नलिकागतमपि कुटिलं न भवति सरलं शुनः पृच्छम् ।
तद्वत् खलजनहृदयं बोधितमपि नैव याति माधुर्यम् ॥
नली में रखी हुई कुत्ते की पूंछ सीधी नहीं हो जाती; ठीक उसी तरह बोध देने से दृष्ट का हृदय मधुर नहीं बन जाता ।
  • आंशिक संस्कृति शृंगार की ओर दौड़ती है, अपरिमित संस्कृति सरलता की ओर। -- बोबी
  • महान चीजें हमेशा सरल और विनम्र होती हैं। सबसे महान सत्य सरल होते हैं। -- लियो तोलस्तोय
  • बक्र चन्द्रमहिं ग्रसे न राहू । -- तुलसीदास
चेढ़े चन्द्रमा को राहु भी नही ग्रसता।

इन्हें भी देखें[सम्पादन]