सदाचार
दिखावट
- “हे तात्! ब्राह्मणत्व का कारण न तो स्वाध्याय है और न ही शास्त्र श्रवण। ब्राह्मणत्व का हेतु मात्र सदाचार है, इसमें कोई संशय नहीं है।” -- महाभारत में युधिष्ठिर, यक्ष से
- नावृतो दुश्चारितान् -- उपनिषद्
- ज्ञान आचरणहीन व्यक्ति का वरण नहीं करता।
- आचारहीनं न पुनन्ति वेदाः
- आचारहीन का उद्धार वेद भी नहीं कर सकते।
- सदाचार की रक्षा सबसे पहले करनी चाहिए क्योकि धन तो आता-जाता रहता है। उसके न रहने पर सदाचारी कमजोर नहीं माना जाता, किन्तु जिसने सदाचार त्याग दिया, वह तो नष्ट ही होना है। -- विदुर नीति