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संस्कृत साहित्य

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  • उपमा कालिदासस्य भारवेरर्थगौरवम्।
दण्डिनः पदलालित्यं माघे सन्ति त्रयो गुणाः ॥
अर्थ : कालिदास उपमा में, भारवि अर्थगौरव में, और दण्डी पदलालित्य में बेजोड़ हैं। लेकिन माघ में ये तीनों गुण हैं।
  • काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति धीमतां।
  • व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा॥
अर्थ — बुद्धिमान लोग काव्य-शास्त्र का अध्ययन करने में अपना समय व्यतीत करते हैं जबकि मुर्ख लोग निंद्रा, कलह और बुरी आदतों में अपना समय बिताते हैं।
  • कविर्दण्डी कविर्दण्डी कविर्दण्डी न संशयः।
  • अलङ्करोति इति अलङ्कारः ।
  • वाक्यं रसात्मकं काव्यम्।
  • गद्यं कवीनां निकषं वदन्ति।
  • काव्येषु नाटकं रम्यं तत्र रम्या शकुन्तला।

इन्हें भी देखें

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