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रोमां रोलां

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रोमां रोलां (Romain Rolland) एक फ्रांसीसी विद्वान थे। उन्होंने बिना भारत आए रामकृष्ण परमहंस की जीवनी लिखी। उनकी रचना 'ज्यां क्रिस्तोफ' पर उन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

उक्तियाँ

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  • यदि इस धरातल पर कोई स्थान है जहाँ पर जीवित मानव के सभी स्वप्नों को तब से घर मिला हुआ है जब मानव अस्तित्व के सपने देखना आरम्भ किया था , तो वह भारत ही है।
  • उनके द्वितीय होने की कल्पना करना भी असंभव है, वे जहां भी गये, सर्वप्रथम ही रहे। प्रत्येक व्यक्ति उनमें अपने मार्गदर्शक व आदर्श को साक्षात् पाता था। वे ईश्वर के साक्षात प्रतिनिधि थे व सबसे घुल-मिल जाना ही उनकी विशिष्टता थी। हिमालय प्रदेश में एक बार एक अनजान यात्री उन्हें देख ठिठक कर रुक गया और आश्चर्यपूर्वक चिल्ला उठा – शिव!। यह ऐसा हुआ मानो उस व्यक्ति के आराध्य देव ने अपना नाम उनके माथे पर लिख दिया हो। -- स्वामी विवेकानन्द के बारे में रोमां रोलां के वचन
  • आपका व्यवहार ही दूसरों के मन में आपकी छवि बनाता है। इसके द्वारा हम दुश्मनों को भी अपना बना सकते हैं।

बाहरी कड़ियाँ

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