माता
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- माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः। (ऋग्वेद, पृथ्वी सूक्त)
- अर्थ : भूमि माता है और मैं उसका पुत्र हूँ।
- जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गदपि गरीयसी। (रामायण)
- अर्थ - जननी (माता) और जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर हैं।
- अन्य धन के समान कोई दान नहीं, द्वादशी के समान कोई तिथि नहीं, गायत्री मंत्र से बड़ा कोई मंत्र नहीं और माँ से बढ़कर कोई देवता नहीं है । -- चाणक्य
- एक माँ का हाथ कोमलता से बना होता है और बच्चे उसमे गहरी नीद में सोते है। -- विक्टर ह्यूगो
- नास्ति मातृ समो गुरु
- अर्थ : माता के समान गुरु नहीं । -- वेदव्यास
- मातृत्व कठिन है और लाभप्रद भी। -- ग्लोरिया एस्तिफैन
- भगवान सभी जगह नहीं हो सकते इसलिए उसने माएं बनायीं। -- रुडयार्ड किपलिंग
- मातृत्व : सारा प्रेम वही से आरम्भ और अंत होता है। -- राबर्ट ब्राउनिंग
- जवानी फीकी पड़ जाती है; प्यार मुरझा जाता है; दोस्ती की पत्तियाँ झड़ जाती हैं; पार एक माँ की छुपी हुई आशा उन सभी के पार होती है। -- Oliver Wendell Holmes