लोकतंत्र में यदि सत्ता का दुरुपयोग हो,तो लोगों को कहीं रहने के लिए भी जगह नहीं रह जायेगी.
परमानंद किसी के अपने लक्ष्य तक पहुंचने के प्रयास में निहित है,न कि वहां पहुंचने में.
कोई संस्कृति जीवित नहीं रह सकती है,अगर वह विशिष्ट होने का प्रयास करे.
अहिंसा का लबादा ओढ़ना धोखा है.जरूरत है कि हम दिल में बसे हिंसा का त्याग करें.
जो आपको दुश्मन समझते हैं,उनसे भी मित्रवत व्यवहार करना सच्चे धर्म का मर्म है.
विवेक के मामलों में बहुमत के कानून की कोई जगह नहीं है.
हर इंसान के अंदर अपनी गलतियों को स्वीकारने और उन्हें सुधारने की पर्याप्त विनम्रता होती है.
एक अन्यायपूर्ण कानून हिंसा की ही एक प्रजाति है.
मैं दिल से पूर्व और पश्चिम के मिलान का स्वागत करुंगा,पर यह पशुबल पर आधारित नहीं होना चाहिए.
सबसे अच्छे होने के लिए अनंत प्रयास मनुष्य का कर्तव्य है.
असहिष्णुता सच्ची लोकतांत्रिक भावना के विकास में बाधक है.
एकमात्र एक ऐसी बात जो हमें पशु से अलग करती है वो है अहिंसा|मानव बनने के लिए अहिंसक होना जरुरी है|
बुनियादी शिक्षा बालक के मन और शरीर का विकास करती है,बालक को वतन के साथ जोड़े रखती है|उसे अपने और देश के भविष्य का गौरवपूर्ण चरित्र दिखाती है|
अस्पृश्यता वह विष है, जो धीरे-धीरे हिंदू धर्म के प्राण ले रहा है|इस बुराई को जितनी जल्दी निर्मल कर दिया जाए,उतना ही समाज मानव जाति के लिए कल्याणकारी होगा|
स्वच्छता को अपने आचरण में इस तरह अपना लो कि वह आपकी आदत बन जाए|शौचालय को रसोई घर की तरह साफ होना चाहिए|
मेरी अनुमति के बिना कोई मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता.
हिंदुस्तान और पाकिस्तान को अपनी-अपनी खामियां मिटानी चाहिए,एक-दूसरे का दोष देखने में किसी का लाभ नहीं है.
शिक्षा का अर्थ सिर्फ अक्षरज्ञान न हो,अक्षरज्ञान से दुनिया को फायदे के बदले नुकसान ही हुआ है.
जिसका मन साफ है,उसके पास सारी खुशी है.
जीते-जागते सत्य के बिना ईश्वर कहीं नहीं है.
हम सभी को आयी हुई विपत्ति में शांति खोजनी चाहिए.
मनुष्य जब एक नियम तोड़ता है,तो बाकी अपने आप टूट जाते हैं.