मदन मोहन मालवीय

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महामना मदन मोहन मालवीय भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं शिक्षाविद थे। उन्होने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की।

विचार[सम्पादन]

  • यदि आप मानव आत्मा की आंतरिक शुद्धता को स्वीकार करते हैं,तो आप या आपका धर्म किसी भी व्यक्ति के स्पर्श या संगति से कभी भी अशुद्ध या अपवित्र नहीं हो सकता है।
  • अंग्रेज़ी माध्यम भारतीय शिक्षा में सबसे बड़ा विघ्न है। सभ्य संसार के किसी भी जन समुदाय की शिक्षा का माध्यम विदेशी भाषा नहीं है।
  • धार्मिकता और धर्म कायम रहने दें, और सभी समुदाय और समाज प्रगति करें।
  • हमारी प्यारी मातृभूमि को अपना खोया हुआ गौरव वापस दिलाएं। भारत के पुत्र विजयी हों।
  • जो इंसान अपने स्वयं की निन्दा सुन लेता है वह सारे विश्व पर विजय प्राप्त कर लेता है।
  • भारत की एकता का मुख्य आधार है एक संस्कृति,जिसका उत्साह कभी नहीं टूटा। यही इसकी विशेषता है।
  • आप प्रेम को खरीद नहीं सकते, लेकिन इसके लिए आपको भारी जुर्माना जरुर भरना पड़ता है।
  • हम मानते हैं कि धर्म चरित्र का आधार है और मानव सुख का सबसे बड़ा स्रोत है।
  • हमारा मानना ​​है कि देशभक्ति एक शक्तिशाली उत्थानकारी प्रभाव है जो पुरुषों को उच्च विचारधारा वाली निष्काम कर्म की प्रेरणा देता है.
  • हमारे भारत देश के संविधान का पहला खंड गौ हत्या की रोकथाम पर होना चाहिए।
  • कमजोर आदमी हर काम को असम्भव समझता है जबकि वीर साधारण।