दीपावली

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पारम्परिक रूप से मिट्टी के बहुत से दीयों (दीपकों) में खाद्य तेल भरकर और कपास की बत्ती जलाकर प्रकाश किया जाता है।

दीपावली भारत का पर्व है जिसमें अमावस्या की अंधेरी रात को दीये जलाकर प्रकाश किया जाता है। इसलिये इसे 'प्रकाशोत्सव' भी कहा जाता है। इसे भारत के सभी मूल धर्मों के लोग मनाते हैं।

उद्धरण[सम्पादन]

  • दीपावली का शाब्दिक अर्थ "दीपों की पंक्ति" है। परम्परानुसार दीपावली वर्ष के सबसे अन्धकारमय रात्रि को मनायी जाती है। और यही वह समय है जब प्रकाश की आवश्यकता और उसके महत्व को सही प्रकार से समझा जा सकता है। संसार के सभी धर्मों में प्रकाश को भगवान, सत्य तथा ज्ञान का प्रतीक माना गया है। -- अनन्तानन्द रामबचन, भारत सरकार के विदेश मन्त्रालय द्वारा आयोजित "Diwali does not end when the lights go out" (30 अक्तूबर 2013)
  • शताब्दियों से दीपावली एक राष्ट्रीय पर्व बन गया है जिसे सभी भारतीय मनाते हैं चाहे वे हिन्दू हों, बौद्ध हों, जैन हों या सिख हों। -- रीनिता मल्होत्रा, "दीपावली : भारत का प्रकाश पर्व" नेशनल ज्योग्राफिक सोसायटी, में

इन्हें भी देखें[सम्पादन]