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जिज्ञासा

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जिज्ञासा अर्थात जानने की उत्सुकता।

सूक्तियाँ

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  • अथातो धर्म जिज्ञासा। -- जैमिनी, मीमांसासूत्र का आरम्भिक सूत्र
अब हम धर्म की जिज्ञासा करें।
  • अथातो ब्रह्म जिज्ञासा। -- बादरायण, ब्रह्मसूत्र के आरम्भ में
अब हम ब्रह्म की जिज्ञासा करें। ( आओ, जानने का प्रयत्न करें कि ब्रह्म कौन है? ब्रह्म का स्वरूप कैसा है? आदि)
  • प्रथम और सरलतम संवेग जो हम मनुष्य के मस्तिष्क में पाते हैं, वह जिज्ञासा है। -- बार्क
  • जिज्ञासा तीव्र बुद्धि का एक निश्चित गुण है। -- सैमुअल जॉनसन
  • वैज्ञानिक मस्तिष्क उतना अधिक उपयुक्त उत्तर नही देता जितना अधिक उपयुक्त वह प्रश्न पूछता है।
  • भाषा की खोज प्रश्न पूछने के लिये की गयी थी। उत्तर तो संकेत और हाव-भाव से भी दिये जा सकते हैं, पर प्रश्न करने के लिये बोलना जरूरी है। जब आदमी ने सबसे पहले प्रश्न पूछा तो मानवता परिपक्व हो गयी। प्रश्न पूछने के आवेग के अभाव से सामाजिक स्थिरता जन्म लेती है। -- एरिक हाफर
  • प्रश्न और प्रश्न पूछने की कला, शायद सबसे शक्तिशाली तकनीक है।
  • सही प्रश्न पूछना मेधावी बनने का मार्ग है।
  • मूर्खतापूर्ण-प्रश्न, कोई भी नहीं होते औरे कोई भी तभी मूर्ख बनता है जब वह प्रश्न पूछना बन्द कर दे। -- स्टीनमेज
  • जो प्रश्न पूछता है वह पाँच मिनट के लिये मूर्ख बनता है लेकिन जो नही पूछता वह जीवन भर मूर्ख बना रहता है।
  • सबसे चालाक व्यक्ति जितना उत्तर दे सकता है, सबसे बडा मूर्ख उससे अधिक पूछ सकता है।
  • मैं छः ईमानदार सेवक अपने पास रखता हूँ। इन्होंने मुझे वह हर चीज़ सिखाया है जो मैं जानता हूँ। इनके नाम हैं – क्या, क्यों, कब, कैसे, कहाँ और कौन । -– रुडयार्ड किपलिंग
  • यह कैसा समय है? मेरे कौन मित्र हैं? यह कैसा स्थान है। इससे क्या लाभ है और क्या हानि? मैं कैसा हूं। ये बातें बार-बार सोचें (जब कोई काम हाथ में लें)। -- नीतसार
  • शंका नहीं बल्कि आश्चर्य ही सारे ज्ञान का मूल है। -- अब्राहम हैकेल
  • यह कैसा समय है? मेरे कौन मित्र हैं? यह कैसा स्थान है। इससे क्या लाभ है और क्या हानि? मैं कैसा हूं। ये बातें बार-बार सोचें (जब कोई काम हाथ में लें)। -- नीतिसार

सन्दर्भ

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इन्हें भी देखें

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