कथा

विकिसूक्ति से

कथा या कहानी साहित्य की प्रमुख विधा है। कथा के माध्यम से किसी विचार को बड़े प्रभावी ढंग से समझाया जा सकता है।

उक्तियाँ[सम्पादन]

  • दूरस्थाः पर्वताः रम्याः वेश्याः च मुखमण्डने ।
युद्धस्य तु कथा रम्या त्रीणि रम्याणि दूरतः॥ -- संस्कृत सुभाषितानि
ऊंचे और दुर्गम पर्वत तथा अपने मुख को विभिन्न सौन्दर्य प्रसाधनों से सुसज्जित की हुई (मेकअप किये हुए ) एक वेश्या दूर से ही देखने में सुन्दर लगते हैं। इसी प्रकार युद्ध की कथा भी सुनने में ही अच्छा लगता है | इन तीनों को जितनी दूर से देखा या सुना जाय उतना ही श्रेयस्कर है।
  • आदौ राम तपोवनादि गमनं, हत्वा मृगं कांचनम्।
वैदीहीहरणं जटायुमरणं, सुग्रीवसंभाषणम्॥
बालीनिर्दलनं समुद्रतरणं, लंकापुरीदाहनम्।
पश्चाद् रावण कुम्भकर्ण हननम्, एतद्धि रामायणम्॥ -- एकश्लोकी रामायण
श्रीराम वनवास गए, वहां उन्होने स्वर्ण मृग का वध किया। रावण ने सीताजी का हरण कर लिया, जटायु रावण के हाथों मारा गया। श्रीराम और सुग्रीव की मित्रता हुई। श्रीराम ने बालि का वध किया। समुद्र पार किया। लंका का दहन किया। इसके बाद रावण और कुंभकर्ण का वध किया।
  • लोगों को यह मत बताइये कि जीवन कैसे जिया जाय। उन्हें बस कोई कहानी बता दीजिये। और वे जान जायेंगे कि वे कथाये उनके जीवन पर किस प्रकार लागू होतीं हैं। -- Randy Pausch, in The Last Lecture (2008)
  • अविश्वसनीय चीजें इस प्रकार बताना जैसे वे वास्तविक हों - पुरानी रीति है। सत्य घटनाओं को इस प्रकार कहना जैसे वे अविश्वसनीय हों -- नयी रीति है। -- Cesare Pavese, The business of living, 1943-11-11

इन्हें भी देखें[सम्पादन]