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  • होने का एक कारण यह है कि मेरे पिता 12वीं सदी के अरब दार्शनिक इब्न रुशद के प्रशंसक थे, जिन्हें पश्चिम में एवरोज़ के नाम से जाना जाता था। अपने समय में, वह...
    ४८ KB (३,८१९ शब्द) - २०:४५, २८ अक्टूबर २०२४
  • पाठक यह समझ नहीं पाता कि इसने यह किसलिये लिखा! २१. जब आपका कोई नियमित प्रशंसक,पाठक आपकी पोस्ट पर तुरंत कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त करता तो निश्चित मानिये...
    २५७ KB (१९,१५७ शब्द) - १०:१८, ८ मार्च २०२२