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उन मूर्खों के सिर ही कट जाते हैं, परन्तु वे इतना भी नहीं जान पाते। निज
कबित्त
केहि लाग न नीका। सरस होउ अथवा अति फीका॥ जे पर भनिति सुनत हरषाहीं। ते बर...
१५ KB (१,०६० शब्द) - ०७:२९, ३ जून २०२३
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