हत्या
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हत्या या वध या हनन या जान से मारना।
उद्धरण
[सम्पादन]- अवध्या ब्राह्मणा गावो स्त्रियो बालाश्च ज्ञातयः ।
- येषां चान्नानि भुञ्जीत ये च स्युः शरणागताः ॥ -- महाभारत (विदुर नीति)
- ये सभी अवध्य ( वध करने के योग्य नहीं) हैं- ब्राह्मण, गाय, स्त्री, बालक/बालिकाएँ, कुटुम्बी (जो एक ही गोत्र में जन्में हों), जिसका अन्न खाया गया हो, और जो शरण में आ गये हों।
- अशिष्टशासनं धर्मः शिष्टानां परिपालनम्।
- वध्यांश्च घातयेद्यस्तु अवध्यानपरिरक्षति॥
- अवध्या ब्राह्मणा गावो दूताश्चैव पिता तथा।
- विद्यां ग्राहयते यश्च ये च पूर्वोपकारिणः।
- स्त्रियश्चैव न हन्तव्या यच्च सर्वातिथिर्नरः॥ -- महाभारत, अनुशासन पर्व
- लोकतन्त्र और तानाशाही मे अन्तर नेताओं के अभाव में नहीं है , बल्कि नेताओं को बिना उनकी हत्या किये बदल देने में है। -- लार्ड बिवरेज
- आश्चर्य, भय, तोड़-फोड़, हत्या के ज़रिये दुश्मन को अन्दर से हतोत्साहित कर दो.यह भविष्य का युद्ध है। -- एडोल्फ हिटलर
- थोड़ी और हत्या, और मानवता बहुत बेहतर हो जाएगी। -- जीन रोस्टैंड
- कोई भी झंडा इतना बड़ा नहीं है कि वो निर्दोषों की हत्या की शर्मिंदगी को ढक सके। -- हॉवर्ड जिन
- मुझे इस बात पर गर्व है कि मैने कभी भी किसी की हत्या करने वाले हथियारों का आविष्कार नहीं किया। -- थॉमस ए. एडीसन
- महाराज, मैंने तो जो बकरे खाए वह जगदंबा के सामने बलि देकर खाए, अपने हेतु कभी हत्या नहीं की और न अपने राजा साहब की भाँति मृगया की। -- वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति