सृजन
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- निमित्तं परमीशस्य विश्वसर्गनिरोधयो: ।
- हिरण्यगर्भ: शर्वश्च कालस्यारूपिणस्तव ॥ -- भागवत् पुराण
- सृजन है अधूरा अगर विश्व भर में,
- कहीं भी किसी द्वार पर है उदासी।
- मनुजता नहीं पूर्ण तब तक बनेगी,
- कि जब तक लहू के लिए भूमि प्यासी।।
- चलेगा सदा नाश का खेल यूँ ही,
- भले ही दिवाली यहाँ रोज आए।।
- जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना,
- अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाए।। -- गोपालदास नीरज
- ब्रह्माण्ड के सृजन तथा संहार में ब्रह्मा तथा शिव भी आपके उपकरण की तरह कार्य करते हैं, जिन्हें अन्तत: आप काल के अपने अदृश्य रूप में सम्पन्न करते हैं।
- भविष्य उन शिक्षित युवाओं का है जिनके पास सृजन करने की कल्पनाशीलता है। -- बराक ओबामा
- सुन्दरता के प्रति प्रेम रूचि है। सुन्दरता का सृजन कला है। -- राल्फ वाल्डो इमर्सन
- हर चीज का सृजन दो बार होता है, पहली बार दिमाग में दूसरी बार वास्तविकता में। -- अज्ञात