वैद्युत इंजीनियरी

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वैद्युत इंजीनियरी प्रौद्योगिकी की वह शाखा है जिसमें विद्युत, इलेक्ट्रॉनिकी और विद्युतचुम्बकत्व का अध्ययन किया जाता है। इसमें मुख्यतः वैद्युत युक्तियों (मोटर, जनित्र आदि) , विद्युत परिपथों तथा विद्युत के उत्पादन, संप्रेषण, वितरण और उपयोग का अध्ययन किया जाता है।

उद्धरण[सम्पादन]

यहाँ उद्धरण काल-क्रम में लिखे गये हैं।

१९वीं शताब्दी[सम्पादन]

  • इस संस्मरण का की डिज़ाइन इस प्रकार की गयी है कि विद्युत से सम्बन्धित वे परिघटनाएँ जो दो या दो से अधिक वस्तुओं के आपसी सम्पर्क से उत्पन्न होतीं हैं उनको प्रथम सिद्धान्तों, जो मुख्यतः प्रयोग द्वारा प्राप्त किये गये हैं, द्वारा निष्पन्न (deduce) किया जा सके । इन परिघटनाओं को गैल्वानिक कहा गया है। यदि विविध तथ्यों को इसके द्वारा मस्तिष्क के लिये एकीकृत करके प्रस्तुत किया जा सका तो इस संस्मरण का उद्देश्य पूरा हो जाएगा। -- जॉर्ज ओम (Georg Ohm ; 1827/91) 'द गैल्वानिक सर्किट इन्वेस्टिगेटेड मैथेमैटिकली' का आरम्भिक वाक्य