मृदा

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(मिट्टी से अनुप्रेषित)

मृदा से आशय पृथ्वी के सतह के सबसे ऊपरी भाग को कहते हैं जो पेड़-पौधों के लिये उपयोगी है। 'मिट्टी', 'माटी', 'मृत्तिका', 'भूमि' आदि इसके पर्याय हैं।

उक्तियाँ[सम्पादन]

  • चन्दन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है।
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा बच्चा राम है॥
  • माटी कहे कुम्हार से, तू क्या रौंदे मोहिं।
एक दिन ऐसा आएगा, मैं रौंदूंगी तोहिं॥
मिट्टी कुम्हार से कहती है कि तुम आज तू मुझे पैरों तले रोंद (कुचल) रहा है। एक दिन ऐसा भी आएगा कि मैं तुझे पैरों तले रोंदूँगी।
  • मिट्टी हमारे जीवन को जोडने वाली महान वस्तु है। सब चीजें इसे से उत्पन्न होतीं हैं और इसी में मिल जातीं हैं। -- Wendell Berry, The Unsettling of America (1977).
  • मनुष्य के जीवन और भूख से मरने के बीच केवल मिट्टी की एक पतली सी परत है। -- Bard of Cincinnati; reported as unverified in Respectfully Quoted: A Dictionary of Quotations (1989).
  • 'मरी हुई मिट्टी' (dead soil) जैसी कोई वस्तु नहीं है। जैविक पदार्थों का मिट्टी में विघटन एक भौतिक प्रक्रिया है जो मिट्टी में रहने वाले असंख्य सूक्ष्म जीवों के जीवन सम्बन्धी क्रियाओं से जुड़ा हुआ है। -- Dmitri Ivanovsky June 1972, Bacteriological Reviews, Vol. 36 p. 135-145 NCBI
  • हम आराम से सांस लेने, पीने, और खाने का सुख इसलिये उठा पाते हैं क्योंकि पर्यावरण को बनाये रखने के लिये करोड़ों सूक्ष्म जीव और सैकड़ों प्रक्रियाएँ सतत काम कर रहीं हैं। किन्तु हम मान लेते हैं कि प्रकृति की सेवाएँ तो मिलनी ही हैं क्योंकि हम उन सेवाओं के लिये हमे पैसे नहीं देना पड़ता है। -- Eugene Odum (1975) A Bridge Between Science and Society as cited in: Edward Goldsmith (2002) "Ecology – a bridge"

इन्हें भी देखें[सम्पादन]