नालापत बालमणि अम्मा
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नालापत बालमणि अम्मा भारतiu से मलयालम भाषा की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं।कवयिuहिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों[क] में से एक महादेवी वर्मा की समकालीन थीं। उन्होंने 500 से अधिक कविताएँ लिखीं। उनकी गणना बीसवीं शताब्दी की चर्चित व प्रतिष्ठित मलयालम कवयित्रियों में की जाती है। अम्मा का काव्यसाम्राज्य मातृत्व का दिव्य प्रपंच है। उनकी रचनाएँ एक ऐसे अनुभूति मंडल का साक्षात्कार कराती हैं जो मलयालम् में अदृष्टपूर्व है। आधुनिक मलयालम की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें मलयालम साहित्य की दादी कहा जाता है। उनकी अनेक पंक्तियाँ सुभाषित बन गई हैं। जैसे-
कविता
[सम्पादन]हर कहीं
लाए सूर्य प्रकाश
हर कहीं
लगाए बगीचे
दोनों मार्गों पर-
बढ़ते वक्त
बधाई
मदद देने वाले.....!
बालमणि अम्मा के दाम्पत्य की झलक वाली
एक कविता का अंश
पुस्तक: 'सरस्वती की चेतना' से
बाह्य सूत्र
[सम्पादन]- सरस्वती सम्मान: के॰ के॰ बिड़ला फाउंडेशन का भारतीय कविता सम्मान, गद्यकोश (हिन्दी)
- सरस्वती सम्मान, भारत कोश (हिन्दी)
- स्पृचुअलिज़्म, मैटेरियलिज़्म फ्यूज इन बालमणि अम्माज पोयम (अँग्रेजी में)
- बालमणि अम्मा की कविता: माँ भी कुछ नहीं जानती-सच्चा शरणम् (हिन्दी अनुवाद)