थॉमस फुलर

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थॉमस फुलर १८वीं शताब्दी के इंग्लैण्ड के एक चिकित्सक थे।

उक्तियाँ[सम्पादन]

  • वह समृद्ध है जो संतुष्ट है।
  • जब तक रुग्णता का सामना नहीं करना पड़ता तब तक स्वास्थ्य का महत्व समझ में नहीं आता।
  • जो व्यक्ति पेड़ लगाता है वह अपने साथ-साथ दूसरों से प्रेम करता है‌।
  • आपके पास एक सच्चा मित्र है तो समझिए आपको आपके हिस्से से अधिक मिल गया।
  • वो जो दूसरों को क्षमा नहीं कर सकता वो उस पुल को तोड़ देता है जिसे उसे पार करना था, क्योंकि हर व्यक्ति को क्षमा पाने की आवश्यकता होती है।
  • जो भविष्य का भय नहीं करता वहीं वर्तमान का आनन्द ले सकता हैं।
  • इंसान की कीमत उसके मरने के बाद ही पता चलती है।
  • एक बार ठोकर लगने से व्यक्ति संभल जाता है।
  • प्रार्थनाः दिन की कुंजी तथा रात का ताला होती है।
  • हमारी शक्ति हमारे निर्णय करने की क्षमता में निहित है।
  • धैर्य रखें, सभी कार्य सरल होने से पहले कठिन ही दिखाई देते हैं।
  • धैर्य का दुरूपयोग रोष में बदल जाता है।
  • जो पाप में पड़ता है, वह मनुष्य है, जो उसमें पड़ने पर दुखी होता है, वह साधु है और जो उस पर अभिमान करता है, वह शैतान होता है।
  • ज्ञान एक खजाना है, लेकिन अभ्यास इसकी चाभी है।

इन्हें भी देखें[सम्पादन]