चिन्ता
दिखावट
- चिंता ज्वाल सरीर की, दाह लगे न बुझाय।
- प्रकट धुआं नहिं देखिए, उर अंतर धुंधुवाय॥
- उर अंतर धुंधुवाय, जरै जस कांच की भट्ठी।
- रक्त मांस जरि जाय, रहै पांजरि की ठट्ठी॥
- कह 'गिरिधर कविराय, सुनो रे मेरे मिंता।
- ते नर कैसे जियै, जाहि व्यापी है चिंता॥ -- गिरिधर कवि
- भावार्थ : चिंतन के विषय में उनका कथन है कि चिंता शरीर की वह ज्वाला है जो मानव शरीर को भीतर ही भीतर जलाती रहती है। ऊपर से मनुष्य समान दिखता है लेकिन अंदर धुआं उठता रहता है। जैसे भट्टी में बर्तन पकता है। चिंता में अंदर ही अंदर रक्त, माँस जल जाता है और ऊपर हाड का पिंजर ही नजर आता है। गिरिधर कहते हैं कि ऐसे मनुष्य कैसे जीवन जी सकते हैं जिन्हें चिंता लगी रहती है।
- चिंता से चतुराई घटे , दुख से घटे शरीर ।
- पाप से लक्ष्मी घटे, कह गए दास कबीर ॥ -- कबीरदास
- चिन्ता ऐसी डाकिनी , काट कलेजा खाय ।
- वैद बेचारा क्या करे , कहाँ तक दवा लगाय ॥ -- कबीर
- रहिमन कठिन चितान तै, चिन्ता को चित चैत ।
- चिता दहति निर्जीव को, चिन्ता जीव समेत ॥
- अर्थ- हे मन तू चिन्ता के बारे में सोच , जो चिता से भी भयंकर है । क्योंकि चिता तो निर्जीव ( मरे हुए को ) जलाती है , किन्तु चिन्ता तो सजीव को ही जलाती है।
- ९९ प्रतिशत चीजें जिनकी आप चिन्ता करते हैं, वे वास्तव में होती ही नहीं हैं।
- अच्छा विनोद, मन और शरीर के लिए एक टॉनिक है, यह व्यग्रता और अवसाद का अच्छा प्रतिकार है। -- Kris Carr
- अपने शत्रु में सबसे पहला स्थान चिंता का आता है। -- शेक्सपियर
- अवसाद निराशा से शुरू होता है, जब निराशा हमारी आत्मा में घर कर जाती है तब हमारा उत्साह भी ख़त्म हो जाता है। -- Joyce Meyer
- अवसाद, भविष्य ना बना पाने की असमर्थता है। -- Rollo May
- आज तक मैं ऐसे किसी व्यक्ति से नहीं मिला जो काम की अधिकता के चलते मृत्यु को प्राप्त हो गया हो, मगर ऐसे बहुत से लोगों को जानता हूँ जो चिंता के कारण मर गये। -- एनोनिमस
- आने वाले कल का दो तरीकों से सामना कर सकते हैं एक विश्वास के साथ या फिर चिंता के साथ। -- हेनरी वार्ड बीचर
- आप अपने जीवन के शत्रु हैं, यदि चिंता करते है। -- शेक्सपीयर
- आपने ही अपने अवसाद को बनाया है, यह आप को दिया नहीं गया था, इसीलिए आप इसे तोड़ भी सकते हैं। -- Albert Ellis
- इसकी चिंता छोड़ कि कुछ गलत हो जाएगा, इसके बारे में उत्साहित हो कि क्या सही हो सकता है
- ईधन से जैसे अग्नि बढ़ती है, ऐसे ही सोचने से चिंता बढ़ती है। न सोचने से चिंता वैसे ही नष्ट हो जाती है जैसे ईधन के बिना अग्नि। -- योगवशिष्ट
- एक चिंता सैकड़ो दूसरी चिंताओं को जन्म देती हैं, यथा रक्तबीज। -- शब्द प्रकाश
- कार्य कभी भी अधिक नहीं होता, चिंता उसे अधिक से अधिक बनाती जाती है। शहद की मधुमक्खी को जितना हटाओगे वह उतना ही चिपटती चली जाएगी, चिंता भी ऐसी ही है। -- सुदर्शन
- किन्ही को दो दिनों के लिए कभी चिंता नहीं करनी चाहिए और ये हैं व्यतीत हुआ कल और आने वाला कल।- -- रोबर्ट जेम्स
- गुस्सा हमें उर्जा से भर देता है! गुस्से का उल्टा अवसाद है, जब गुस्सा अन्दर की और मुड जाता है तो वह अवसाद बन जाता है। -- Gloria Steinem
- चिंता अक्सर छोटी छोटी बातों को बड़ा बना देती हैं। -- देशी कहावत
- चिंता आने वाले दुख को कम नही करती हैं बल्कि यह आज के सुख को लूट लेती हैं। -- Leo F Buscaglia
- चिंता इतिहास को नहीं बदल सकती हैं मगर आनन्द से पूर्ण वर्तमान को नष्ट अवश्य कर सकती हैं। -- कहावत
- चिंता ऐसी काली दीवार का निर्माण कर देती हैं जिसमें घिरने के पश्चात फिर कोई गली नहीं सूझती। -- प्रेमचंद
- चिंता और चिन्तन में वही फर्क हैं जो एक आत्मविश्वासी स्वस्थ इंसान और बीमार इंसान में होता हैं -- स्वेट मार्डेन
- चिंता और शहद की मक्खी को जितना हटाओ उतना ही चिपटती है। -- सुदर्शन
- चिंता कमजोरी का संकेत है जो जीवन को विषतुल्य बना देती है। -- चैनेन
- चिंता करना आपको कहीं भी नहीं ले जाएगा। -- Van Wilder
- चिंता करना बंद करो, चिंता जीवन को समाप्त कर देती हैं। -- अब्राहम एल फ़ेंबेर्ग
- चिंता करना समय की बर्बादी है। इससे कुछ भी नहीं बदलता है, यह सिर्फ आपके दिमाग के साथ खिलवाड़ करती है और आपकी खुशी चुरा लेती है।
- चिंता करनी है तो चरित्र की करो, भविष्य की चिंता से मनोरथ सिद्ध नहीं होते। -- स्वामी विवेकानन्द
- चिंता करने वाला इंसान पल-पल मरता है और पल-पल जलता हैं।
- चिंता करो, यदि तुम रूप, बल और ज्ञान का नाश चाहते हो। -- अज्ञात
- चिंता का क्या लाभ? चिंता तो कभी भी उचित नहीं। अतः अपने कष्टों को अपने पुराने झोले में अंदर करो और मुस्कुराओ, सिर्फ़ मुस्कुराओ। -- जार्ज आसफ
- चिंता का राक्षस आपके हृदय में डेरा डालता है। -- चनिंग
- चिंता को अपने शत्रुओं की सूचि में पहले स्थान पर रखो। -- शेक्सपियर
- चिंता क्या हैं- यह उन लोगों द्वारा अदा किया गया ब्याज हैं जो विपत्ति में उधार लेते हैं। -- मैथ्यू अर्नाल्ड
- चिंता चिता के समान हैं। क्योंकि चिता मुर्दे को जलाती हैं और चिंता जिंदा को जलाती है। -- प्रेमचंद
- चिता जलाए मुर्दे को, चिंता जलाए जिन्दा को। -- प्रेमचन्द
- चिंता जीवन में कायरता और विष भर देती है। -- वाल्टेयर
- चिंता मतलब आपकी कल्पना का उपयोग करके कुछ ऐसा बनाना है जिसे आप नहीं चाहते हैं।
- चिंता रुपी सांपिन ने जन्म लेने वाले प्रत्येक मनुष्य को डसा है। -- रामचरितमानस
- चिंता वाला दिन, काम के दिन से ज्यादा थकावट भरा होता है। -- जॉन लुबॉक
- चिंता से मुक्ति पाना इंसान का प्रथम कर्तव्य होना चाहिए अन्यथा वह मनुष्य की शक्तियों को शून्य कर देगी। -- महात्मा गांधी
- चिंता, किए जाने वाले प्रश्नों की सजा चिता के समान है। -- प्रेमचन्द
- चिंता, शंका, भय और निराशा हमारे दुश्मन हैं जो हमें धीरे-धीरे नीचे गिरा देते हैं।
- चिंतामुक्त रहो। जरा मुस्कुराओ। ध्यान से सुनो। जिम्मेदारी लेना सीखे। जो आप नहीं बदल सकते उसे स्वीकार करें। इस पाठ को गले लगाओ। अपनी जिंदगी से प्यार करो।
- चिंतित व्यक्ति के मन में राक्षस अपना स्थायी डेरा जमा लेता है, फिर वह न कार्य आरम्भ करने देता है और न सफ़लता प्राप्त करने देता है। -- स्वेट मार्डेन
- चिन्तन और चिंता में वहीं अंतर होता है जो एक आत्मविश्वास भरे स्वस्थ व्यक्ति और रोगी व्यक्ति में होता है। -- स्वेट मार्डेन
- चिन्ता एक प्रकार की कायरता है और वह जीवन को विषमय बना देती है। -- चैनिंग
- जितना समय हम किसी कार्य की चिंता में लगाते हैं, यदि उतना ही समय हम उस कार्य में लगायें तो चिंता जैसी कोई चीज नहीं रह जायेगी। -- शेख सादी
- जिन बातों के बारें में लोग चिंता करते हैं उनमें से लगभग निन्यानवे फीसदी तो घटित ही नहीं होती हैं तथा शेष एक फीसदी से तो बचा नहीं जा सकता -- ओसवाल्ड होफ्फ़मैंन
- फोकट की बातों पर चिंता करने के लिए यह जीवन बहुत छोटा है।
- मनुष्य चिंता से मरता नहीं, सूख जाता है। -- रूसी लोकोक्ति
- मैं उस इंसान को मुर्ख मानता हूँ जो नुकसान के बाद पर अपना वक्त चिंता करने में गुजार देता हैं जो बीत गया उसे भूल जाओ। -- जार्ज बर्नाड शॉ
- मैं उस व्यक्ति को बेवकूफ मानता हूँ जो किसी हानि या नुकसान के बाद उस पर चिंता कर अपना समय गंवाता है, इसलिए जो हो गया, उसे भूल जाओ। -- जार्ज बर्नाड शॉ
- यदि आप जीवन की चिंता पर विजय पाना चाहते हैं, तो इस लम्हे में जिएं, हर सांस में जिएं। -- Amit Ray
- यदि चिंता से ही कार्यसिद्ध होते तो सभी कार्य के बजाय चिंता ही करते। -- स्वामी विवेकानन्द
- वह व्यक्ति अपनी पीठ पर वजन का गठ्ठर बांध कर सोता है जो बिस्तर पर चिंताओं के साथ जाता है। -- हैली बटन
- व्यर्थ चिंता आने वाले कल को उसके दुखों से खाली नहीं करती हैं, वह आज को भी उसकी शक्ति से खाली कर देती हैं। -- कैर्री टेन बूम
- शक्तियाँ होते हुए भी उनका उपयोग नहीं हो पाता, यदि दिल में चिंता हो। -- महात्मा गांधी
- सुबह से शाम तक काम करके आदमी उतना नहीं थकता जितना क्रोध या चिंता के एक घंटे में थक जाता है। -- स्वेट मार्डेन
- हम जितनी कम चिंता करेंगे, उतनी जटिलता अपने जीवन में कम होगी।
- हमारी चिंताए को हमें कर्म की तरफ ले जाना चाहिए ना की अवसाद की और। -- Karen Horney
- हमारी थकान अक्सर काम के कारण नहीं, बल्कि चिंता, हताशा और नाराजगी के कारण होती है। -- डेल कार्नेगी